चुनाव आयोग का आदेश-मायावती 48, योगी 72 घंटे तक चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे

चुनाव आयोग ने सुप्रीमो मायावती और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर लोकसभा चुनावों के लिए चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी;

Update: 2019-04-15 18:25 GMT

नई दिल्ली ।निर्वाचन आयोग ने सोमवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर क्रमश: 48 और 72 घंटों तक लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का प्रचार करने पर रोक लगा दी है।

दोनों पर कार्रवाई आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन करने पर की गई है।

मायावती ने सहारनपुर की रैली में मुसलमानों से सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के पक्ष में एक समेकित तरीके से मतदान करने के लिए कहा था तो योगी ने मेरठ में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की नीयत से 'अली और बजरंगबली' वाला बयान दिया था। उन्होंने गाजियाबाद की रैली में भारतीय सेना को 'मोदी की सेना' कहा था। इस पर भी आयोग से शिकायत की गई थी।

योगी आदित्यनाथ के खिलाफ शिकायत पर आयोग के आदेश में कहा गया, "संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत आयोग और इससे संबंधित अधिकार सपन्न अन्य संस्थान प्रचार के संबंध में उन पर किसी भी सार्वजनिक बैठक, सार्वजनिक जुलूस, सार्वजनिक रैलियों, रोड शो करने साक्षात्कार देने और मीडिया में सार्वजनिक अभिव्यक्ति (इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया में) करने से रोकते हैं। यह आदेश 16 अप्रैल की सुबह छह बजे से 72 घंटे के लिए प्रभावी रहेगा।"

आयोग ने एक अलग आदेश में बसपा प्रमुख मायावती के चुनाव प्रचार करने पर 48 घंटे के लिए रोक लगा दी है और उनके बयान की कड़ी निंदा की।"

आदेश में कहा गया है कि उन पर भी 48 घंटे के लिए चुनावों से संबंधित किसी भी सार्वजनिक सभा, जुलूस, रैलियां, रोड शो में भाग लेने पर, साक्षात्कार देने पर और मीडिया में सार्वजनिक अभिव्यक्ति करने पर रोक है। 

आयोग ने 11 अप्रैल को मायावती और योगी, दोनों को आचार संहिता का उल्लंघन करने पर नोटिस जारी किया था।

एक ओर जहां बसपा नेता ने मुस्लिम समुदाय से सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवारों को वोट देने का आग्रह किया था, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अगर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी को अली में विश्वास है, तो हमें 'बजरंगबली' पर विश्वास है।
 

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