चांपी जलाशय के सौंदर्य को लगा ग्रहण
चांपी जलाशय में हरीतिमा एवं इसके सौंदर्य से लोग आकर्षित होकर बरबस ही खिचे चले आते थे, लेकिन इस जलाशय में किसी प्रकार कोई सुविधा नही होने से पर्यटको का आना लगभग बंद हो गया है;
रतनपुर। चांपी जलाशय में हरीतिमा एवं इसके सौंदर्य से लोग आकर्षित होकर बरबस ही खिचे चले आते थे, लेकिन इस जलाशय में किसी प्रकार कोई सुविधा नही होने से पर्यटको का आना लगभग बंद हो गया है। जलसंसाधन विभाग रख रखाव के लिये फंड का रोना रो रहा है।
जिला मुख्यालय से महज 40 किलोमीटर दूर रतनपुर पेंड्रा रोड पर चांपी जलाशय है इस जलाशय का निर्माण 14 अगस्त 2003 में किया गया था जिसकी लागत राशी 1570.79 लाख रूपये आई थी इस जलाशय की लंबाई 2160 मीटर एवं उचाई 1542 मीटर है।इस जलाशय में दो नहर का निर्माण किया गया मुख्य नहर की लंबाई 16 किलोमीटर व माईनर नहर की 24 किलोमीटर है और इस जलाशय से लाभांवित कृषको की संख्या 3015 व लाभांवित ग्रामो की संख्या 14 है इस जलाशय से चपोरा , बिरगहनी,सेमरा ,पोड़ी,डोंगी ,दोना सागर ,नवा गांव ,मोहदा, जमुनाही ,तिलक डीह लालपुर ,घासीपुर रतनपुर के कृषक लाभांवित होते है।
इस जलाशय के बनने के बाद ही पर्यटको का बड़ी संख्या में आना जाना शुरू हो गया था यहां आने वाले पर्यटको को इस जलाशय का दृश्य देखने के बाद अपनी ओर सहज ही आकर्षित कर लेता था इस जलाशय में बने गार्डन, झूला व रेस्टहाउस में बने व्यवस्थाये एवं स्वच्छ वातावरण से पर्यटक मंत्र मुगध हो जाते थे लेकिन विगत कुछ वर्षो से जल संसाधन की उदासीनता के चलते इस जलाशय में बने गार्डन, झूला व बैठने के लिये बने सभी साधन टूट फूट गये है जिससे अब पर्यटको का आना जाना बिलकुल ही नही के बराबर हो गया है आने वाले दिनो में यही हाल रहा तो चांपी जलाशय सिर्फ जलाशय बनकर ही सीमित रह जायेगा।
हाई मास्क लाईट बंद
इस जलाशय में शुरूआत के दिनो में लाईट की व्यवस्था नही थी जिससे शाम होते ही आने वाले पर्यटको को भय सताने लगता था पर्यटको की इस परेशानी को देखते हुये जल संसाधन विभाग के द्वारा हाईमास्क लाईट लगाया गया वह भी अब साल में एक या दो माह ही जलता है बाकी समय हमेंशा बंद ही रहता है इस हाईमास्क लाईट के नही जलने से यहां आने वाले पर्यटक शाम ढलने से पहले ही चले जाते है।
रेस्टहाउस की हालत बतदर
इस जलाशय के बनते समय ही यहां रेस्टहाउस का निर्माण विभाग के द्वारा कराया गया था जो कि शुरू शुरू में इस रेस्ट हाउस में पर्यटको की रूकने के लिये सभी सुविधाये थी लेकिन धीरे धीरे रेस्टहाउस की मेनटेंस नही होने एवं विभाग की उदासीनता के चलते रेस्ट हाउस की हालत जर्जर एवं गंदगी में तब्दिल होती जा रही है।
पहुंच मार्ग जर्जर
चांपी जलाशय मेन रोड से करीब 1.5 किलोमीटर अंदर है शुरूवाती दौर में मेन रोड से इस जलाशय तक पहुंचने के लिये डब्ल्यू बीएम का रोड बनाई गई थी जो आज पूरी तरह से उखड़ कर जर्जर हो गई है जिसे बनाने के लिये जल संसाधन विभाग ध्यान नही दे रही है इस वजह से जलाशय तक पहुंचने के लिये पर्यटको को खासा परेशानी होती है भूल से पर्यटक इस जलाशय में घुमने चले भी गये तो दोबारा इस जलाशय में सभी असुविधाओ के चलते आते भी नही।
बैठक में कलेक्टर से की गई थी मांग
कुछ वर्ष पूर्व चांपी जलाशय की रेस्टहाउस में ग्रामीण अंचल के सभी पंचायतो की सरपंचो की बैठक हुई थी जिसमें तत्कालीन कलेक्टर सोनमणी बोरा से गांव के सरपंचो ने पर्यटको के लिये गार्डन, झूला और भी सभी सुविधाओं की मुहैया कराने की मांग की गई थी जिस पर तत्कालीन कलेक्टर सोन मणी बोरा ने आश्वासन दिया था कि आने वाले दिनो में ये सभी व्यवस्थाये पर्यटकों के लिये इस जलाशय में होगी ताकी पर्यटको की संख्या में इजाफा हो सके लेकिन आज पर्यंत तक इस जलाशय में किसी प्रकार की कोई सुविधाये नही होने से आने वाले पर्यटको की संख्या में कमी होने से आस पास के ग्रामीण अंचल के लोग चिंता जता रहे है।
सैलानी आने से कतराने लगे हैं
पर्यटन स्थल चांपी में प्रतिदिन सैलानी बड़ी संख्या में अपने परिवार के साथ आते है जो यहां आकर जर्जर रेड व रेस्टहाउस की बदइंतजामी की शिकायत करते है सिंचाई विभाग से लगातार रोड बनाने की एवं रेस्टहाउस की हालत सुधारने की मांग की गई है लेकिन इस पर ध्यान नही दिया जारहा है खराब रोड के चलते अब सैलानी भी यहां आने से कतराने लगे है ।
ग्रामीण करेंगे आंदोलन
चांपी जलाशय अस्तित्व से ही उपेक्षा का शिकार होते आई है इस जलाशय का उद्घाटन 2003 में जब किया गया तब इस क्षेत्र के अंचलवासियों को काफी अपेक्षाये थी लेकिन विभाग की उदासीनता के चलते आज चांपी जलाशय में पर्यटको का धीरे धीरे आना जाना बिल्कुल बंद होता जा रहा है जिससे हमअंचल वासी इस चापी जलाशय को पुन:अस्तित्व में लाने के लिये अब आंदोलन करेंगे।
फंड मिलते ही सुविधा मुहैया कराई जाएगी
एप्रोज रोड का स्टीमेट बन चुका है जल्द ही रोड का निर्माण किया जायेगा इस जलाशय का मेंटेनेंस के लिये फंड का अभाव है फंड मिलते ही सभी व्यवस्थाये दुरूस्त कर ली जायेगी।