डीएसएसएसबी शिक्षकों की परीक्षा रद्द
दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर 29 अक्टूबर 2017 को आयोजित नगर निगम के प्राथमिक शिक्षकों की परीक्षा-2017 को रद्द कर दिया गया है;
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर 29 अक्टूबर 2017 को आयोजित नगर निगम के प्राथमिक शिक्षकों की परीक्षा-2017 को रद्द कर दिया गया है। धोखाधड़ी के आरोप के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग के कर्मचारी भी संलिप्त पाया गया है और इसी के आधार पर यह कार्यवाही की गई है। बता दें कि इस परीक्षा को रद्द करने की मांग सत्तापक्ष व विपक्ष दोनों की ओर से की जा रही थी।
अब मामले में धोखाधड़ी के आरोप पर दिल्ली पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज की गई है। मामले को त्वरित जांच के लिए अपराध शाखा को सौंपा गया था और इसके बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इसे रद्द करने के आदेश दिए। उपराज्यपाल ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को मामले की सभी पहलुओं की समयबद्ध जांच करने के निर्देश दिए थे। पुलिस द्वारा मामले की रिपोर्ट सौंपी गई एवं मामले में कई लोगों की संलिप्ता की संभावना व्यक्त की गई।
हालांकि पूरे मामले में 20 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। दिल्ली पुलिस ने यह भी बताया कि इस परीक्षा को लीक करने में सोशल मीडिया एवं तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। प्रथम दृष्टा में यह पाया गया कि इसमें कई लोगों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई है। इस प्रकार इसमें परीक्षा की गरिमा, पवित्रता के उल्लंघन से इनकार नहीं किया जा सकता। इस रिपोर्ट पर कार्यवाही करते हुए उपराज्यपाल महोदय ने इस परीक्षा को रद्द कर दिया है
इसके अतिरिक्त उपराज्यपाल ने डीएसएसएसबी के अध्यक्ष को परीक्षा को दोबारा करवाने के निर्देश दिए हैं ताकि यथाशीघ्र शिक्षकों की रिक्तियों को भरा जा सके। व्यवस्था में उजागर कमियों को भी दूर करने के लिए कहा गया है। श्री बैजल ने यह भी सलाह दी है कि ऐसा करते समय डीएसएसएसबी अपनी परीक्षा प्रणाली की समीक्षा करें एवं ऐसी व्यवस्था करे कि भविष्य में इन कमियों को दूर किया जा सके।
पुलिस द्वारा की गई जांच के अनुसार इस धोखाधड़ी में संगठित तरीके से शिक्षा विभाग के कई कर्मचारियों की भी संलिप्ता पाई गई है। कम से कम इनमें से एक इसी तरह के केस में पहले भी संलिप्त पाया गया है। उपराज्यपाल ने सचिव, शिक्षा को धोखाधड़ी में पाए गए कर्मचारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही करने एवं 10 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।