मध्यप्रदेश में डॉक्टर्स ने काली पट्टी बांधी, प्रशासनिक अधिकारियों के प्रशासक बनाने का विरोध

मध्यप्रदेश शासन द्वारा 22 नवंबर की केबिनेट में लाए जा रहे प्रशासकीय अधिकारियों की चिकित्सा महाविद्यालय में नियुक्ती के बिल के विरोध में सभी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स मुखर हो गए हैं।;

Update: 2022-11-22 11:45 GMT
गजेन्द्र इंगले
ग्वालियर: मध्य प्रदेश के सभी 13 चिकित्सा महाविद्यालय में कार्यरत समस्त चिकित्सा शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर काम किया। साथ ही आगे ओपीडी में सेवाएं न दे कर विरोध की भी बात कही। चिकित्सा महाविद्यालयों में डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम की नियुक्ति के कैबिनेट में आने वाले प्रस्ताव का सभी डॉक्टर्स विरोध कर रहे हैं। विरोध में सोमवार 21 नवंबर को 13 मेडिकल कॉलेज के सभी डॉक्टर्स व अन्य स्टाफ ने काली पट्टी बांधकर काम किया।  22 नवम्बर मंगलवार को काला दिवस मनाते हुए सभी कर्मचारी आधिकारी चिकित्सक कार्य बंद रखेंगे।
 
मध्यप्रदेश शासन द्वारा 22 नवंबर की केबिनेट में लाए जा रहे प्रशासकीय अधिकारियों की चिकित्सा महाविद्यालय में नियुक्ती के बिल के विरोध में सभी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स मुखर हो गए हैं।  13 मेडिकल कॉलेजो के मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ एक ऑनलाइन मीटिंग रखी गई, जिसमें सभी पदाधिकारियों ने यह निर्णय लिया कि इस गलत प्रक्रिया का मजबूती से विरोध होना चाहिए। आपको बता दें कि इसी वर्ष जनवरी में भी ऐसा ही प्रस्ताव लाने का प्रयास हुआ था, जिसका समस्त मेडिकल कॉलेज में विरोध हुआ था तत्पश्चात इस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।
 
प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के ग्वालियर अध्यक्ष डॉक्टर अखिलेश त्रिवेदी ने देशबन्धु को फोन पर बताया कि माननीय मुख्यमंत्री एवं माननीय चिकित्सा शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर इस गंभीर विषय पर एसोसिएशन को समय देने की बात की है। ताकि मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत समस्त चिकित्सा शिक्षकों- अधिकारीयों - कर्मचारियों की आवाज को सुना जाए जिससे प्रदेश में चिकित्सा शिक्षकों , अधिकारीयों और कर्मचारियों को आंदोलन करने की अवश्यकता ना पड़े।
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