किसान खेतों मे फसल चराई न करवाएं : कृषि विभाग
जिले मे अल्प वर्षा से उत्पन्न स्थिति के कारण कुछ गॉव के कृषकों द्वारा धान फसल मे पषुओं की चराई हेतु खेत मे छोडा जा रहा है;
बेमेतरा। जिले मे अल्प वर्षा से उत्पन्न स्थिति के कारण कुछ गॉव के कृषकों द्वारा धान फसल मे पषुओं की चराई हेतु खेत मे छोडा जा रहा है । प्रधानमत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत खरिफ वर्ष 2017 मे अधिसूचित ग्राम पंचायतों के धान सिंचित, धान असिंचित, सोयाबीन, मक्का, अरहर, उडद एवं मूंग फसलों को बीमा आवरण मे लिया गया है ।
इन फसलों का प्रिमियम राशि इच्छुक कृषकों से प्राप्त कर बैंको के माध्यम से अधिसूचित बीमा कम्पनी को दिया गया है । उक्त जानकारी देते हुए उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले मे सूखे की अप्रिय स्थिति निर्मित होने के कारण प्रधानमत्री फसल बीमा योजना के प्रावधान के अनुसार कुल अंतिम दावा राशि का 25 प्रतिशत राशि चालू मौसम मे मध्यावधि क्षतिपूर्ति के रूप मे दिया जाना प्रस्तावित है । इस हेतु ग्राम पंचायतवार फसल का सर्वे कर प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है।
साथ ही आगामी माह मे कृषि विभाग तथा राजस्व विभाग के मैदानी अमलों द्वारा फसल कटाई प्रयोग किया जावेगा। यदि रेण्डम आधार पर चयनित खेत मे फसल नहीं होगी तो सर्वे टीम द्वारा तथा फसल कटाई प्रयोगकर्ता को फसल क्षति का वास्तविक आंकलन करने मे कठिनाई होगी, जिसमे वह ग्राम व ग्राम पंचायत राजस्व विभाग द्वारा देय आर.वी.सी.-6 (4) अंतर्गत देय सूखा राहत राशि एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मे देय दावा भुगतान के लाभ से वंचित हो सकता है । एैसी स्थिति मे कृषकों को समझाईश दी जाति है कि यदि वे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना या सूखा राहत योजना या अन्य किसी मुआवजा कि अपेक्षा रखते हैं तो अपने खेतों मे फसल चराई किसी भी स्थिति मे ना करवायें।