मेरठ रोड पर बनेगा जिला अदालत का नया परिसर
यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जिला अदालत का नवीन परिसर मेरठ रोड के किनारे होगा। इसकी कवायद शुरू कर दी गई है;
गजियाबाद। यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जिला अदालत का नवीन परिसर मेरठ रोड के किनारे होगा। इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। खास बात यह है कि मोरटा गांव के पास की जमीन को नए जनपद न्यायालय के लिए उपयुक्त पाया गया है। यह कार्रवाई 23 दिसम्बर 2015 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पत्र के अनुपालन में की जा रही है।
जनपद न्यायाधीश की अध्यक्षता में 30 जून 2017 को हुई जिला स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर समिति की बैठक में जमीन के इंतजाम को लेकर मंत्रणा हुई थी। उसी को लेकर उप समिति के अध्यक्ष एवं सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने जिलाधिकारी गाजियाबाद को पत्र लिखकर नवीन न्यायालय परिसर के लिए पचास एकड़ शासकीय जमीन की आवश्यकता बताते हुए इंतजाम करने को कहा है।
यह पत्र जनपद न्यायाधीश के निर्देशों के अनुपालन में लिखा गया है। पत्र में लिखा है कि इस संबंध में जिला प्रशासन गाजियाबाद द्वारा सुलह-समझौते के आधार पर भूमि क्रय कर उपलब्ध कराने हेतु गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, गाजियाबाद की महायोजना-2021 में मेरठ रोड पर स्थित ग्राम मोरटा के निकट भूमि चिन्हित की गई है। यदि नवीन न्यायालय परिसर की स्थापना के लिए उक्त स्थान पर शासकीय जमीन उपलब्ध हो जाए तो अधिक उपयुक्त होगा।
लिहाजा विभिन्न विभागों में समन्वय स्थापित कर नवीन न्यायालय परिसर की स्थापना के लिए शासकीय भूमि उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है।
इसके अलावा एक अन्य न्यायालय के पत्र के अनुपालन में तहसील मोदीनगर में ग्राम न्यायालय की स्थापना के लिए दस एकड़ शासकीय जमीन की आवश्यकता है। इस संबंध में यह भी अवगत कराना है कि ग्राम न्यायालय की स्थापना के लिए जिला प्रशासन द्वारा गांव निवाड़ी में लगभग छह एकड़ भूमि चिन्हित की गई है,जो कि रिहायशी क्षेत्रों एवं मुख्य मार्गों से अत्यधिक दूर तथा निर्जन क्षेत्र में होने के कारण ग्राम न्यायालय की स्थापना के लिए उपयुक्त नहीं पाई गई है। अत: किसी अन्य जगह पर शासकीय भूमि उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है।
जिले में छह परिवार न्यायालयों की स्थापना भी होनी है। इनके लिए कम से कम 6250 वर्ग मीटर शासकीय भूमि की आवश्यकता है। याद रहे कि वर्तमान जिला अदालत में भारी भीड़ रहती है। कलैक्ट्रेट के अलावा विकास भवन, वाणिज्य कर के अलावा एसएसपी कार्यालय भी जिला अदालत कैम्पस में है।
धरने प्रदर्शन भी आए दिन होते रहते है। कई बार अदालत में गोली भी चली है। सीबीआई अदालत में हाईप्रोफाइल कैदी पेशी के लिए आते है। कैदी की पिटाई भी हुई है।