वायु प्रदूषण को लेकर जिला प्रशासन गंभीर

इस कड़ी में अक्टूबर से अब 141 लोगों के खिलाफ एनजीटी के नियमों की अहवेलना करने पर 1 करोड़ 5 लाख 80 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा चुका है;

Update: 2018-12-16 14:10 GMT

नोएडा। शहर में वायु प्रदूषण को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है। प्रशासनिक टीम व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व संबंधित विभागों द्वारा प्रयास किए जा रहे है। इस कड़ी में अक्टूबर से अब 141 लोगों के खिलाफ एनजीटी के नियमों की अहवेलना करने पर 1 करोड़ 5 लाख 80 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा चुका है। इनसे जुर्माना वसूलने का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही प्राधिकरण, गैर सरकारी संस्थाओं व सरकारी संस्थाओं पर भी जुर्माना लगाया गया है। इसमे केंद्र सरकार के दो बड़ी परियोजना है।

ताकि पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाया जा सके।जिला अधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में गत कुछ वर्षों से वायु प्रदूषण चिंता का विषय बना हुआ है। अक्टूबर से फरवरी तक प्रतिकूल वातावरण के कारण काफी दिक्कत हो जाती है। लिहाजा पर्यावरण में पीएम-10 व पीएम-2.5 की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे है। इसके लिए अब प्रदूषण फैलाने पर 25 लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई।

यही नहीं हाल में किए गए निरीक्षण के दौरान पाया गया कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार की अधिसूचना 25 जनवरी 2018 जिसमें निर्माणाधीन परियोजनाओं में धूल इत्यादि की रोकथाम रोकने की प्रणाली स्थापित की जानी थी। लेकिन ऐसी व्यवस्था नहीं मिली। ऐसे में धारा-15,16 व 17 के तहत वेस्टर्न डेडिकेटड फ्रंट कारिडोर कोरपरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसी) व एनबीसीसी लिमिटेड के ठेकेदारों के खिलाफ परिवाद दायर कराया गया है। जिला अधिकारी ने बताया कि डीएफसीसी द्वारा निर्मित किए जा रह रेलवे ट्रेक के निर्माण के दौरान धूल को नियंत्रित करने के लिए 7 मई 18 को जिला प्रशासन की तरफ से निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद 10 दिसम्बर 2018 को स्थल का निरीक्षण किया गया। यहा धूल को रोकने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए।

यहा मिट्टी लाने वाले अधिकांश वाहन खुली अवस्था में मिट्टी ट्रांसपोर्ट करते हुए पाए गए। यह कार्य डीएफसीसी के ठेकेदार मेसर्स लार्सन एंड टर्बो कंपनी द्वारा किया जा रहा है। इसी तरह एनबीसीसी द्वारा ग्रेटरनोएडा के नॉलेज पार्क-2 में पंडित दीन दयाल उपाध्याय इंस्टीट्यूट ऑफ आर्केलॉजी का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें ठेकेदार के खिलाफ 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। साथ ही निरीक्षण के दौरान दोबारा से पाया गया कि दोनों ही निर्माण कार्यों में एनजीटी के नियमों की अवहेलना की जा रही है। ऐसे में एनबीसीसी लि. एवं ठेकेदार कंपनी राणा कंस्ट्रक्शन व डीएफसीसी व कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टर्बो के लिए अदालत में परिवाद दायर किया गया है। 
 

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