संस्कृत के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने की मांग

राज्यसभा में आज प्राचीन भाषा संस्कृत को पुनर्जीवित करने तथा इसके संरक्षण के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने की मांग की गयी;

Update: 2019-06-27 14:46 GMT

नयी दिल्ली ।  राज्यसभा में आज प्राचीन भाषा संस्कृत को पुनर्जीवित करने तथा इसके संरक्षण के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने की मांग की गयी । 

भातीय जनता पार्टी के अशोक वाजपेयी ने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि पांच हजार साल पुरानी इस भाषा का लाभ विदेशों में लिया जा रहा है जबकि देश में यह भाषा विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गयी है । वेद , उपवेद , गीता और महाभारत के साथ ही अनेक दुर्लभ ग्रंथ संस्कृत भाषा में हैं । 

 वाजपेयी ने कहा कि खगोलशास्त्र में संस्कृत का उपयोग किया जा रहा है और कई प्रकार के शोध कार्य भी हो रहे हैं लेकिन राज्यों के विद्यालयों में संस्कृत भाषा की अनिवार्यता समाप्त कर दी गयी है जिसके कारण इसके संरक्षण के लिए राष्ट्रीय नीति बनाना जरुरी हो गया है ।

उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा कम्प्यूटर के लिए सबसे उपयुक्त है लेकिन संस्कृत के स्कूलों में इस भाषा के शिक्षको की कमी है तथा भाषा की पढाई करने वाले छात्रों को रोजगार नहीं मिलता है । 

मनोनीत सदस्य के टी एस तुलसी ने बिहार में चमकी बुखार (मस्तिष्क ज्वर) से 135 बच्चों की हुयी मौत का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अस्पतालों में डाक्टरों और मानव संसाधन की भारी कमी है । इसके साथ ही चिकित्सा उपकरणों तथा अन्य जरुरी सुविधाओं की भी कमी है । 

उन्होंने कहा कि देश में 10 हजार की आबादी पर एक एलोपैथी डाक्टर हैं । देश में 10 लाख डाक्टर हैं जिनमें 10 प्रतिशत ही सार्वजनिक क्षेत्र में हैं जबकि 90 प्रतिशत निजी क्षेत्र में हैं । उन्होंनें कहा कि राज्यों में भी चिकित्सकों की उपलब्धता को लेकर एकरुपता नहीं हैं । महाराष्ट्र में एक लाख 53 हजार डाक्टर हैं जबकि अरुणचल प्रदेश में सात हजार से कुछ अधिक डाक्टर हैं । उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सा के क्षेत्र में 31 प्रतिशत से अधिक नीम हकीम कार्यरत हैं । 

तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर राय ने पश्चिम बंगाल का नाम बदल कर बांग्ला करने के लिए केन्द्र सरकार से अनुमति देने का अनुरोध किया । उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल विधान सभा ने पहले ही इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित कर भेजा है । राज्य सरकार की ओर से नाम बदले जाने को लेकर कई बार पहल की गयी है लेकिन केन्द्र से अब तक अनुमति नहीं मिली है । 

 राय ने कहा कि राज्य का नाम बदले जाने का मामला बंगाली लोगों की पहचान से जुड़ा मामला है । पहले पूर्वी बंगाल था जो अब बंगलादेश बन गया है । 

भाजपा के विजय गोयल ने देश के कुछ राज्यों में चल रहे लाट्री पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि इसकी आदत के कारण कई परिवार उजड़ जाते हैं । उन्होंने कहा कि इन्द्र कुमार गुजराल सरकार के दौरान लाटरी पर पाबंदी लगायी गयी थी । इसके बाद वर्ष 1998 में केन्द्र सरकार ने एक विधेयक भी लाया था । 

उन्होंने कहा कि तकनीकी कारणों से पश्चिम बंगाल , कर्नाटक , पंजाब और महाराष्ट्र में लाटरी अब भी चल रही है जिस पर रोक लगाने की जरुरत हैं ।

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