आयकर सीमा 5 लाख रुपये करने की मांग
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने व्यक्तिगत आमदनी पर आयकर की सीमा पांच लाख रुपए करने की मांग करते हुए कहा है कि सरकार को आर्थिक असमानता समाप्त करने पर बल देना चाहिए;
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने व्यक्तिगत आमदनी पर आयकर की सीमा पांच लाख रुपए करने की मांग करते हुए कहा है कि सरकार को आर्थिक असमानता समाप्त करने पर बल देना चाहिए और काले धन की तरह ‘काली संपदा’ से निपटने की भी रणनीति तैयार करनी चाहिए।
बीएमएस के महासचिव वृजेश उपाध्याय ने आज यहां बताया कि बीएमएस ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ बजट पूर्व बैठक में आर्थिक नीतियों के केंद्र में मानवीय पहलुओं को रखने पर जोर दिया है।
वित्त मंत्री को सौंपे एक ज्ञापन में बीएमएस ने कहा है कि सरकार को व्यक्तिगत आदमनी पर आयकर की सीमा पांच लाख रुपए कर देनी चाहिए। इससे आर्थिक असमानता दूर करने में मदद मिलेगी।
कालेधन पर सरकार की मुहिम का स्वागत करते हुए मजदूर संगठन ने कहा कि इसी तरह से काली संपदा के खिलाफ भी अभियान चलाया जा सकता है।
ज्ञापन में कहा गया है कि सेवाओं के कारोबार को भी सकल घरेलू उत्पाद में जोड़ा जाना चाहिए। इससे देश की वास्तविक स्थिति का आकलन हो सकेगा।
आर्थिक विकास दर को रोजगार सृजन से जोड़ा जाना चाहिए। इससे विकास का असर जमीन पर दिखाई देगा और लोगों के जीवन में खुशहाली आएगी। सरकार को श्रम अाधारित उद्याेगों को बढ़ावा देना चाहिए।
सरकार को गांवों को उद्योगों के केंद्र रुप में विकसित करना चाहिए। इससे लोगों का शहरों की ओर पलायन रोका जा सकेगा। इसके लिए गांवों में आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए।