पंजाब के किसान बिल्कुल चिंता न करें, केंद्र सरकार पूरी तरह से बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ : शिवराज सिंह
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में बैठक कर कृषि क्षेत्र की देशभर की स्थिति की समीक्षा की;
पंजाब के बाढ़ प्रभावित किसानों को केंद्र का भरोसा: शिवराज सिंह बोले- चिंता न करें
- शिवराज सिंह की उच्चस्तरीय बैठक में कृषि क्षेत्र की समीक्षा, बाढ़ राहत का आश्वासन
- केंद्र सरकार किसानों के साथ, शिवराज सिंह करेंगे पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा
- बाढ़ से प्रभावित फसलों पर केंद्र की नजर, शिवराज सिंह ने दी हरसंभव मदद की बात
- खरीफ बुवाई में वृद्धि, बागवानी और इंटीग्रेटेड फार्मिंग को मिलेगा बढ़ावा
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को नई दिल्ली में बैठक कर कृषि क्षेत्र की देशभर की स्थिति की समीक्षा की। उच्चस्तरीय बैठक में शिवराज सिंह ने विभिन्न राज्यों में हो रही बारिश की जानकारी ली। उन्होंने पंजाब के कुछ इलाकों में आई बाढ़ व फसलों पर इसके असर के बारे में विस्तारपूर्वक अधिकारियों से चर्चा भी की।
बैठक में शिवराज सिंह ने कहा कि पंजाब के किसान भाई-बहन बिल्कुल चिंता नहीं करें, केंद्र सरकार प्राकृतिक आपदा की इस घड़ी में प्रभावित किसानों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि वे आगामी दिनों में पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लेंगे और मौके पर पीड़ित किसानों से भी मिलकर उनकी हरसंभव मदद की कोशिश करेंगे।
केंद्रीय कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने देशभर में कृषि क्षेत्र की स्थिति को लेकर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खरीफ बुवाई क्षेत्रफल में पिछले वर्ष के मुकाबले आशाजनक वृद्धि हुई है। खाद्यान्न फसलों के साथ ही बागवानी क्षेत्र की प्रगति के बारे में केंद्रीय मंत्री चौहान ने जानकारी ली। विशेषकर आलू, प्याज और टमाटर के उत्पादन की स्थिति और कीमतों के बारे में उन्होंने जानकारी हासिल की।
बैठक में अधिकारियों ने विभिन्न राज्यों में हो रही बारिश और जलाशयों की स्थिति के बारे में भी बताया, जिसमें कहा गया कि कई राज्यों में इस वर्ष औसत से अधिक बारिश हुई, जो फसलों के लिए लाभदायक स्थिति है। अच्छी बारिश से जलाशय भरे हुए हैं।
शिवराज सिंह ने अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए कि खाद्यान्न फसलों के साथ ही किसानों को बागवानी सहित इंटीग्रेटेड फार्मिंग के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि किसानों को अधिक लाभ हो सके। उन्होंने कहा कि भविष्य की मांग के मद्देनजर हमें खेतों में अनाज के साथ अन्य वैकल्पिक उपायों से कृषि क्षेत्र का समग्र विकास करना होगा। बागवानी और 'इंटीग्रेटेड फार्मिंग' इस दिशा में कारगर उपाय हैं। उन्होंने 'इंटीग्रेटेड फार्मिंग मॉडल' के किसानों के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए भी निर्देशित किया