महिला डॉक्टर का हिजाब खींचना ठीक नहीं, ये बहुत खतरनाक, सीएम ऐसा करेंगे तो आम इंसान सुरक्षा की गुहार कहां लगाएगा : इकरा हसन
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कथित तौर पर एक महिला का हिजाब हटाने वाले वायरल वीडियो पर समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने कहा कि अगर नीतीश कुमार ऐसा करेंगे तो महिलाएं सुरक्षा की गुहार किससे लगाएंगी?;
नीतीश कुमार ऐसा करेंगे तो सुरक्षा की गुहार महिलाएं कहां लगाएंगी : इकरा हसन
नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कथित तौर पर एक महिला का हिजाब हटाने वाले वायरल वीडियो पर समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने कहा कि अगर नीतीश कुमार ऐसा करेंगे तो महिलाएं सुरक्षा की गुहार किससे लगाएंगी?
नई दिल्ली में आईएएनएस से बातचीत में सपा सांसद ने कहा कि काफी समय से उनके स्वास्थ्य को लेकर खबरें आ रही हैं, बिहार चुनाव से पहले भी, नीतीश की सेहत को लेकर चिंताएं रही हैं। वह बुजुर्ग हैं और सभी उनका सम्मान करते हैं। लेकिन सबसे जरूरी बात यह है कि जिस पद पर वह हैं, उसकी अपनी गरिमा है। एक महिला के साथ इस तरह का व्यवहार उस गरिमा के खिलाफ है और बहुत खतरनाक है। इसका असर भी बहुत नुकसानदायक हो सकता है। सीएम ऐसा करेंगे तो आम इंसान सुरक्षा की गुहार कहां लगाएगा? हम चाहते हैं कि नीतीश कुमार जल्द ही रिकवर हो जाए।
उन्होंने कहा कि इसे किसी धार्मिक भावना से नहीं देखना चाहिए, हिजाब खींचना ठीक नहीं है। हम सभी लोगों को बहुत चिंता हो रही है। मैं बस कहना चाहती हूं कि नीतीश कुमार जल्दी ठीक हो जाएं।
वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह सिर्फ एक महिला के बुर्के की बात नहीं थी, यह धर्म का मज़ाक था। उन्होंने आस्था के मामलों में दखल दिया। अब वह अपनी उम्र का हवाला देकर सहानुभूति हासिल करना चाहते हैं। नीतीश कुमार को ऐसी हरकत से बचना चाहिए।
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक मुस्लिम महिला का अपमान किया है और उन्हें मुस्लिम समुदाय से माफी मांगनी चाहिए। किसी की धार्मिक पहचान के साथ छेड़छाड़ करना या उसका अपमान करना किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हिजाब कोई फैशन स्टेटमेंट नहीं है, बल्कि आस्था और अधिकार का मामला है और किसी को भी इसे छूने का अधिकार नहीं है। जब नीतीश कुमार ने जबरदस्ती एक मुस्लिम महिला का हिजाब हटाया, तो यह एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की गरिमा का उल्लंघन था। संविधान हर व्यक्ति को अपनी पसंद का खाना खाने और अपनी पसंद के कपड़े पहनने की इजाजत देता है। जो हुआ, इससे भारतीय मुस्लिमों में रोष है।