ममता बनर्जी तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही हैं : केसी त्यागी
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने एसआईआर को लेकर ममता बनर्जी के स्टैंड और कांग्रेस के वोट चोरी के आरोप पर प्रतिक्रिया दी है;
एसआईआर विवाद पर जेडीयू नेता का बयान, कांग्रेस पर जनाधार खोने का आरोप
- वोट चोरी के आरोपों पर केसी त्यागी का पलटवार, कहा जनाधार ही चोरी हुआ
- ममता बनर्जी पर जेडीयू नेता का निशाना, एसआईआर को लेकर विवाद तेज
- कांग्रेस और ममता पर हमला, केसी त्यागी बोले गलत नीतियों से घटा जनाधार
नई दिल्ली। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने एसआईआर को लेकर ममता बनर्जी के स्टैंड और कांग्रेस के वोट चोरी के आरोप पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को समीक्षा करनी चाहिए कि आखिर उनका जनाधार क्यों और कैसे कम हुआ? इसके लिए कौन सी गलत नीतियां थीं।
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट की दी हुई आख्या के आधार पर ही एसआईआर अस्तित्व में आ रहा है। उन्होंने कहा कि वोट चोरी का आरोप गलत है। जनाधार ही चोरी हो गया है, उन्हें इस बात को स्वीकार कर लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एसआईआर पर बिहार से पश्चिम बंगाल तक इसलिए भूचाल पैदा किया जा रहा है ताकि अपनी हार के कारणों को छुपाया जा सके। जेन-जी आंदोलन के समर्थकों को यह भी समझना चाहिए कि नेपाल में सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष के लोगों को भारी जान-माल का नुकसान हुआ है।
इससे पहले भाजपा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि असली खतरा खुद कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को है। जो खतरे में होता है, वही सबसे जोर से 'खतरा, खतरा' चिल्लाता है। देखिए, बिहार और पूरे भारत में क्या हो रहा है। अब वे बस यही कहते रहते हैं कि संविधान को खतरा है, न्यायपालिका को खतरा है, देश को खतरा है। उन्हें कुछ तो कहना ही होगा। वे क्या कह सकते हैं? कि सारे अच्छे काम हो रहे हैं, गरीबों, महिलाओं, युवाओं, किसानों के लिए काम हो रहा है और लोग हमें वोट दे रहे हैं? इसके बजाय वे बस यही कह रहे हैं कि 'सब कुछ खतरे में है।'
उन्होंने यह भी कहा कि 2014 के आसपास से कांग्रेस, खासकर राहुल गांधी, उनकी सोशल मीडिया टीम, उनकी सलाहकार टीम और वामपंथ के प्रमुख चेहरे ने प्रधानमंत्री मोदी और भारत का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। चाहे इसके लिए विदेशी ताकतों की मदद लेनी पड़े, विदेशी धरती पर भारत के खिलाफ बोलना पड़े या देश के भीतर बयानबाजी करने के लिए विदेश से अकाउंट चलाना पड़े।