जीतू पटवारी ने बोला हमला ,कहा- ब्याज चुकाने के लिए संपत्तियां बेच रही मध्य प्रदेश सरकार

मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मोहन यादव सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार कर्ज और कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए संपत्तियां बेच रही है;

By :  IANS
Update: 2025-12-11 10:10 GMT

मध्य प्रदेश की सरकार ब्याज चुकाने के लिए बेच रही संपत्तियां : जीतू पटवारी

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मोहन यादव सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार कर्ज और कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए संपत्तियां बेच रही है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पटवारी ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने 101 संपत्तियां 1,100 करोड़ रुपए में बेच दीं। ये संपत्तियां सिर्फ इसलिए बेची गई हैं क्योंकि जो कर्ज लिया गया है, उसे चुकाना है और उसका ब्याज चुकाना है। यह ऐसी सरकार है जो लिए गए कर्ज का ब्याज देने के लिए भी कर्ज लेती है।

जीतू पटवारी ने कहा कि अभी केरल की एक और मुंबई की दो संपत्तियों के अलावा राज्य के बाहर की संपत्तियों को बेचा जा रहा है। यह संपत्तियां सिर्फ इसलिए बेची जा रही हैं ताकि जो कर्ज लिया है, उसका ब्याज चुकाया जा सके। सरकार जो कर्ज ले रही है उससे आज फर्क नहीं पड़ रहा, लेकिन जो संपत्ति बेची गई है वह भविष्य की भावी पीढ़ी के लिए चिंता में डालने वाली है। जब भावी पीढ़ी आएगी, आपके परिवार पर आने वाले समय में राज्य सरकार जो कर्ज लेती है उसका भार पड़ेगा।

राज्य सरकार पर बढ़ते कर्ज का जिक्र करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पटवारी ने कहा कि जो कर्ज लिया जा रहा है, उसे देखा जाए तो पता चलता है कि सरकार 165 करोड़ रुपए रोज कर्ज ले रही है, संपत्तियां बेचकर ब्याज देती है। एक तरफ कर्ज बढ़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर 25 लाख रुपए प्रतिदिन हवाई यात्रा पर खर्च होते हैं, इतना ही नहीं 3 करोड़ रुपए प्रतिदिन विदेश यात्रा पर खर्च हो रहे हैं। इतना ही नहीं, एक आयोजन पर 10 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। यह सरकार जो भी कार्यक्रम पर पैसा खर्च कर रही है, वह पैसा राज्य के लोगों का है और इसे जनता चुकाएगी।

कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री का रोज सम्मान होता है। इसके लिए मंच पर तरह-तरह के फूल लगाए जाते हैं, लेकिन दुर्भाग्य है कि किसान मर रहा है, उसे हार्ट अटैक आ रहा है। खाद नहीं मिल रही है, जो सरकार की गारंटी थी, वह शून्य हो गई है। अब सरकार का पूरा जोर ध्यान बंटाने पर है।

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