आईएसआई छात्रों ने राहुल गांधी से साझा की चिंताएँ
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जन संसद में भारतीय सांख्यिकीय संस्थान (आईएसआई) के छात्रों से मुलाक़ात की और कहा कि उन्होंने भी अन्य संस्थानों के छात्रों की तरह ही शिकायत की है;
राहुल से बोले आईएसआई छात्र – शिक्षा पर बढ़ता कब्ज़ा!
- संस्थानों में वैचारिक दखल पर उठी गंभीर आवाज़
- राहुल गांधी का ऐलान – शिक्षा को चाहिए आज़ादी, नहीं विचारधारा
- आईएसआई: शोध पर नौकरशाही और आरएसएस का दबाव?
- युवाओं के भविष्य पर मंडराता खतरा, राहुल ने दी चेतावनी
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को जन संसद में भारतीय सांख्यिकीय संस्थान (आईएसआई) के छात्रों से मुलाक़ात की और कहा कि उन्होंने भी अन्य संस्थानों के छात्रों की तरह ही शिकायत की है।
श्री गांधी ने सोशल मीडिया फेसबुक पर लिखा कि इन छात्रों ने भी देश के अन्य शिक्षण संस्थानों की तरह गंभीर चिंता दोहराई हैँ। इसी तरह की चिंता दूसरे शैक्षणिक संस्थानों के छात्र और शिक्षक लगातार उठाते रहे हैं। छात्रों ने बताया कि संस्थान पर धीरे-धीरे संस्थागत रूप से आरएसएस के लोगों का कब्ज़ा हो रहा है।
उन्होंने कहा "आईएसआई कोई सामान्य संस्थान नहीं है - यहां सांख्यिकी, गणित, अर्थशास्त्र, डाटा साइंस,कंप्यूटर साइंस और नीति-निर्माण से जुड़ा उच्च स्तरीय शोध होता है, जिसने देश को विश्वस्तरीय विशेषज्ञ दिए हैं। जिन अकादमिक परिषदों को विद्वतजनों से संचालित होना चाहिए, वहां अब नौकरशाह और वैचारिक हस्तक्षेप थोपा जा रहा है।
उन्होंने कहा "हालात यह है कि पाठयक्रमऔर शोध को भी आरएसएस की विचारधारा से नियंत्रित किया जा रहा है। यह शिक्षा सुधार नहीं, बल्कि शिक्षा और संस्थानों क कमजोर करने की साज़िश है - ताकि युवाओं का भविष्य अंधेरे में धकेलकर इन संस्थानों का निजीकरण या उनकी संपत्ति की बिक्री की जा सके। यह हमला सिर्फ़ संस्थानों पर नहीं, बल्कि देश की बौद्धिक स्वतंत्रता, वैज्ञानिक सोचऔर युवाओं के भविष्य पर है। हम ऐसा होने नहीं देंगे। शिक्षा को आज़ादी चाहिए - संस्थान विचारधारा से नहीं, ज्ञान और विज्ञान से चलेंगे।"