सिंघवी: यह मान लेना कि भारत पर हमला करने वाले लोगों की भीड़ है - जो कि बेशक एक मनगढ़ंत कहानी है - इसके लिए एक प्रोसेस है - यह वेरिफिकेशन ही प्रॉब्लम है।
सिंघवी: भारत में पहले कभी नहीं, ROPA के तहत भी नहीं, आप इतने बड़े पैमाने पर इजाज़त दे रहे हैं.....पावर कहाँ है?
सिंघवी: मुझे फोटो के वेरिफिकेशन से कोई दिक्कत नहीं है, यह वेरिफिकेशन यह तय करने के लिए है कि मैं नागरिक हूं या नहीं।
सिंघवी: तीसरा पहलू- एक्ट और नियमों की स्कीम में एक व्यक्तिगत एक्सरसाइज की बात कही गई थी, न कि एक साथ पूरी एक्सरसाइज की।
सिंघवी: आपने उस फॉर्म से एक नया नियम बनाया और उसमें दिए गए डॉक्यूमेंट्स के हिसाब से फॉर्म भरा - कोई पार्लियामेंट्री कानून/नियम इसकी इजाज़त कहाँ देता है?
सिंघवी: उस फॉर्म में 11-12 डॉक्यूमेंट्स लिखे हैं, क्या ऐसा कोई फॉर्म कहीं है?
सिंघवी: यह सिर्फ़ पार्लियामेंट के डेलीगेटिड रूल्स के तहत ही दिया जा सकता है
सिंघवी: जून 2025 में, फॉर्म - यह ROPA नियमों में कहां है?
सिंघवी ने केस लॉ का ज़िक्र किया
सिंघवी: संसदीय कानून मुझे नहीं रोकता
सिंघवी: धारा 324 के तहत पावर का पता लगाने की कोशिश है
सिंघवी: यह आम बात है कि वे जो कुछ फॉर्म और पूछताछ मांग रहे हैं, वे एक्ट में नहीं हैं