‘हमें न बताएं कब क्या खाना है’, सीपीआई (एम) सांसद अमराराम का भाजपा पर तंज
नवरात्रि के दौरान देश के कई राज्यों में मांस की दुकानों पर प्रतिबंध और भाजपा नेताओं की ओर से आ रहे बयानों पर कड़ी आलोचना करते हुए सीपीआई (एम) सांसद अमरा राम ने कहा कि भाजपा हमें न बताएं कि कब क्या खाना है;
नवरात्रि में मांस प्रतिबंध पर अमराराम बोले- भाजपा हमें न बताए क्या खाना है
- व्यक्तिगत पसंद पर प्रतिबंध को बताया संविधान विरोधी
- भाजपा पर लगाया बांटने की राजनीति का आरोप
- पाक क्रिकेटर के इशारे को गैर-जिम्मेदाराना बताया, खेल भावना की अपील
- मणिपुर हिंसा पर केंद्र की चुप्पी को लेकर पीएम मोदी पर निशाना
नई दिल्ली। नवरात्रि के दौरान देश के कई राज्यों में मांस की दुकानों पर प्रतिबंध और भाजपा नेताओं की ओर से आ रहे बयानों पर कड़ी आलोचना करते हुए सीपीआई (एम) सांसद अमरा राम ने कहा कि भाजपा हमें न बताएं कि कब क्या खाना है।
सीपीआई (एम) सांसद ने कहा कि देश भर में मांस का सेवन बड़ी मात्रा में किया जाता है, 50 प्रतिशत से ज़्यादा आबादी इसका सेवन करती है। कोई क्या खाता है या क्या पहनता है, यह उसकी व्यक्तिगत पसंद का मामला है। भारतीय संविधान सभी को अपने लिए निर्णय लेने की स्वतंत्रता देता है। कौन किस धर्म का पालन करेगा, या कौन सी प्रथाओं का पालन करेगा - यह पूरी तरह से उन पर निर्भर है।
भाजपा नेताओं को निशाने पर लेते हुए सीपीआई (एम) सांसद ने कहा कि अब भाजपा तय करेगी कब किसे क्या खाना है। उन्होंने कहा कि भाजपा बांटने की राजनीति करती है, जिससे देश का भला नहीं हो सकता है।
जीएसटी रिफॉर्म पर उन्होंने कहा कि 8 साल तक सरकार ने आम जनता को परेशान किया। सरकार को जनता का ख्याल 8 साल में एक बार भी नहीं आया, अब स्लैब दरों में थोड़ी छूट देकर वह अपनी पीठ-थपथपाने का काम कर रहे हैं। दिल्ली में गरीबों के घरों को उजाड़ा जा रहा है, महंगाई चरम पर है।
पाकिस्तानी क्रिकेटर साहिबजादा फरहान के 'एके-47' इशारे पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में सिरफिरे लोग हैं। असल बात यह है कि खेल को खेल की भावना से खेलना चाहिए। तकरार करने की जरूरत नहीं है।
पीएम मोदी के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर उन्होंने कहा कि जब मणिपुर दो साल तक जलता रहा, तब केंद्र सरकार का ध्यान नहीं गया। भाजपा बस धर्म की राजनीति करती है। इससे वे लोगों का दिल नहीं जीत सकते हैं। वे सिर्फ धोखा दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि 400 की बात करने वाले 240 तक आ गए।
उन्होंने कहा कि बिहार में एसआईआर के नाम पर लाखों लोगों के वोट वोटर लिस्ट से काट दिए गए। पहले चुनाव के वक्त चुनाव आयोग वोट जोड़ने का काम करता था, अब वोट काटे जा रहे हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर उन्होंने कहा कि पीओके लेने का मौका अभी हाल ही में मिला था, तब क्यों नहीं लिया? सीजफायर के लिए क्यों तैयार हो गए? वे सिर्फ लोगों को गुमराह कर रहे हैं।