दिल्ली के अभिलेखों का होगा डिजीटाईजेशन
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के अभिलेखों के डिजीटाईजेशन व माईक्रोफिल्मिंग करने की परियोजना का उद्घाटन किया;
नई दिल्ली। दिल्ली सल्तनत पर काबिज बहादुरशाह जफर पर मुकदमा, शाह आलम के फरमान व सनद, 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दस्तावेज और 1911 में दिल्ली को राजधानी घोषित करने के आदेश के उपरांत जमीनों का अधिग्रहण हो अथवा ब्रिटिश शासन में दिल्ली में रेलवे की स्थापना व विस्तार, बिजली विभाग की स्थापना, शिक्षा का प्रचार -प्रसार, टेलीफोन, महत्वपूर्ण भवन जैसे विधान सभा, मैटकाफ हाउस, लुडलो कैसल, कमीशनर ऑफिस (अब राजनिवास )आदि के विकास को बयां करते दस्तावेज अब कंप्यूटर पर भी देखे जा सकेंगे।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के अभिलेखों के डिजीटाईजेशन व माईक्रोफिल्मिंग करने की परियोजना का उद्घाटन किया। दिल्ली अभिलेखागार के पास 300-400 वर्ष पुराने दस्तावेज व 1870 से 1990 तक के प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन का रिकार्ड उपलब्ध है इन्हीं दस्तावेजों को राज्य सरकार ने प्रथम चरण में चार करोड़ पृष्ठों को डिजिटलाईज और माईक्रोफिल्म करने का फैसला लिया है। इनमें दिल्ली के स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित अभिलेख, तिहाड़ जेेल में बंद कैदियों का लेखाजोखा, भारत सरकार, पंजाब सरकार व दिल्ली सरकार के राजपत्र, आंतरिक सुरक्षा अधिनियम में बंद बंदीयों से संबंधित अभिलेख, सीआईडी (दिल्ली पुलिस) के अभिलेख शामिल हैं। मनीष सिसोदिया ने इस अवसर बताया कि यह परियोजना दिल्ली सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका मुख्य उद्देश्य आम जनता को अपनी अभिलेखीय धरोहरों के प्रति रूचि उत्पन्न करना व कम्प्यूटर के एक क्लिक के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराना है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली अभिलेखागार में अनुमान के अनुसार 10 करोड़ अभिलेख उपलब्ध है जिन में से चार करोड़ अभिलेखों के डिजीटाईजेशन व माईक्रोफिल्मींग 30 माह में 25.40करोड़ रूपए खर्च कर की जाएगी। यह एक अनूठी परियोजना है और संभवत: एशिया की पहली परियोजना है जिसमें इतने बड़े स्तर पर अभिलेखों का डिजीटलीकरण होगा । श्री सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि जिसके अंतर्गत अभिलेखों का डिजीटाईजेशन, माईक्रो- फिल्मींग, सर्च इंडिया, वेबसाईट डिजाईन आदि किया जाएगा। श्री सिसोदिया ने दिल्ली अभिलेखागार की परियोजना पर संतुष्टि प्रकट करते हुए कहा कि यह गौरव की बात है कि वर्ष 1803 से 1990 तक के ऐतिहासिक महत्व के दस्तावेज, अभिलेख दिल्ली अभिलेखागार में संरक्षित हैं।
दिल्ली अभिलेखागार की स्थापना वर्ष 1972 में दिल्ली के अभिलेखों के संरक्षण व संवर्धन के लिए दिल्ली सरकार द्वारा की गई और यहां दिल्ली के स्वतंत्रता सेनानीयों व पुराने भवनों के पुराने फोटोग्राफ , दिल्ली के पुराने नक्शे व प्लान, वक्फ बोर्ड के पुराने अभिलेख, आर्युवेद, चिकित्सा, धर्म आदि पर 300 से 400 वर्ष पुराने दुर्लभ ग्रंथ और भूमि, संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन का 1870 से 1990 तक के अभिलेख मौजूद है।