दिल्ली के विधायकों को दूसरी बार पार्षद नियुक्त करने पर जवाब तलब

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली में सत्ताधारी पार्टी के विधायकों को दूसरी बार निगम पार्षद के रूप में नियुक्त किए जाने पर आज केंद्र सरकार और दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष से जवाब मांगा;

Update: 2019-08-06 18:23 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली में सत्ताधारी पार्टी के विधायकों को दूसरी बार निगम पार्षद के रूप में नियुक्त किए जाने पर आज केंद्र सरकार और दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष से जवाब मांगा है। अदालत ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के नियमों का हवाला देते हुए जवाब मांगा है।

न्यायमूर्ति जी.एस. सिस्तानी और ज्योति सिंह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने दिल्ली विधानसभा में भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता की याचिका पर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल को भी नोटिस जारी कर उनकी प्रतिक्रिया मांगी है।

याचिका में कहा गया है कि यह अधिसूचना दिल्ली नगर निगम अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत थी।

याचिका में कहा गया, "नियम के मुताबिक, हर साल निगम पार्षदों को नामित करते समय रोटेशन (बदलते हुए) प्रक्रिया द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि विधानसभा के सभी सदस्यों को कम से कम एक बार निगम में प्रतिनिधित्व करने का अवसर दिया जाए।"

याचिका में कहा गया है कि वर्तमान विधानसभा के कार्यकाल के दौरान विपक्ष के एक भी विधायक को अध्यक्ष द्वारा नामित नहीं किया गया।

गुप्ता ने अपनी याचिका में कहा, "विधानसभा अध्यक्ष ने नगर निगम के सदस्यों के रूप में उन्हीं सदस्यों को नामित किया है, जो पिछले वर्षों में पहले से ही नामित थे और ये सभी एक ही राजनीतिक दल के थे।"

Full View

Tags:    

Similar News