रेलवे क्षेत्र में गहराया पानी का संकट

रेलवे क्षेत्र में हर साल गर्मी के मौसम में पानी की समस्या रहती है;

Update: 2018-04-08 15:19 GMT

बिलासपुर।  रेलवे क्षेत्र में हर साल गर्मी के मौसम में पानी की समस्या रहती है। मगर रेल प्रशासन आज तक रेलवे क्षेत्र में पानी की समस्या को लेकर ठोस कदम नहीं उठाया है। समस्या दूर करने की योजना तक नहीं बनाई। कर्मचारियों के कालोनियों में पानी की समस्या शुरू हो गई है। रेलवे प्रशासन हर दिन केवल पांच घण्टे पानी की सप्लाई करता है। जबकि रेलवे कालोनियों में हर दिन समस्या बढ़ती जा रही है।

रेल प्रशासन अरपा नदी के किनारे पम्प हाउस से रेलवे क्षेत्रों में पानी सप्लाई करता है। मगर रेल प्रशासन द्वारा रेलवे क्षेत्रों में बड़ी पानी टंकियों का निर्माण नहीं कराया गया है। बड़ी टंकियां होने से समस्या नहीं रहती है। रेल प्रशासन कालोनियों में सीधे पानी सप्लाई करता है। जबकि हर दिन हजारों गैलन पानी की जरूरत रेलवे को पड़ती है। मगर रेल प्रशासन ने कामचलाऊ व्यवस्था कर रखी है। रेलवे क्षेत्र में अधिकांश बोर का पानी काफी नीचे जा चुका है। रेल प्रशासन नए बोर का कार्य कर रहा है परंतु अभी पानी की समस्या से कर्मचारियों को जूझना पड़ रहा है। कम्रचारी परेशा हो रहे है। रेल प्रशासन से शिकायत भी की गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रेल प्रशासन और राज्य सरकार के बीच पानी बिल को लेकर न्यायालय में चल रहा है। राज्य सरकार का कहना है कि रेल प्रशासन अरपा नदी के किनारे पम्प हाउस से धरती के नीचे से पानी ले रहा है। राज्य सरकार के अधिनियम के तहत पानी का बिल रेलवे प्रशासन को देना है। 90 करोड़ से अधिक का पानी बिल सिंचाई विभाग द्वार रेलवे प्रशासन को दिया गया है।

मगर रेलवे प्रशासन का कहना है कि अरपा नदी के किनारे रेलवे की जमीन है में पम्प हाउस पिछले 50 साल से चल रहा है। 50 साल से रेलवे पानी पम्प हाउस से ले रहा है। मगर राज्य सरकार ने पानी का बिल थमा दिया है। हम राज्य सरकार के नियम को नहीं मानते हैं। मामला न्यायालय में है और न्यायालय के फैसले का इंतजार है मगर उसके बाद भी रेलवे क्षेत्र में गरमी के मौसम में पानी की समस्या आती है।

हर साल की समस्या 

रेलवे प्रशासन हर साल गरमी के मौसम में पानी की अस्थायी व्यवस्था करता है। रेलवे प्रशासन हर साल पानी की व्यवस्था करने लाखों रूपये खर्च करता है। स्थायी व्यवस्था के लिए रेल प्रशासन ने आज तक ठोस योजना नहीं बनाई है जबकि आज तक रेलवे कर्मचारियों के कालोनियों में हर दिन पांच घंटे के लिए पानी सप्लाई बोर के द्वारा की जा रही है।  भूजल स्तर नीचे चले जाने के कारण बोर फेल हो रहे हैं। अधिकांश बोर फेल होने से क्षेत्र में पानी की विकट समस्या आ गई है।

मार्च से ही गहराया संकट

इस वर्ष मार्च माह से ही पानी की समस्या शुरू हो गई है। मगर पिछले साल तक मई माह में पानी की दिक्कतें आती थी। मगर दो माह पहले से पानी की समस्या रेलवे क्षेत्रों में आने का मतलब यह है कि आने वाले वर्षों में पानी की व्यवस्था की तैयारी रेलवे प्रशासन योजना के तहत करनी पड़ेगी। रेलवे स्टेशनों में गरमी के मौसम में पानी की समस्या आती है। प्लेटफार्म के नलों में पानी नहीं आता है।

यात्रियों को समस्या से जूझना पड़ता है।  कम बारिश होने के कारण पानी का स्त्रोत नीचे जाता जा रहा है। रेलवे क्षेत्रों में पानी की बर्बादी भी बहुत अधिक होती है। मण्डल के सभी स्टेशनों के क्षेत्रों में पानी की समस्या गरमी के मौसम में आती है।

जल्द व्यवस्था ठीक की जाएगी

पीएनएम की बैठक में पानी की समस्या को लेकर योजना बनाई गई है। रेलवे क्षेत्रों में पानी की व्यवस्था बहुत जल्द  ठीक हो जाएगी। भूजल स्तर नीचे जाने से समस्या आ रही है। रेल प्रशासन ने नए बोर की तैयारी शुरू कर दी है।  बोर करने के लिए टेण्डर किया गया है।-राजगोपालन मंडल रेल प्रबंधक 

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