सम-विषम लागू करने का निर्णय आपातकालीन कदम : तिवारी
उत्तर पूर्वी दिल्ली में लोगों के बीच प्रदूषण रोधी एयर मास्क वितरण करने पहुंचे भाजपा सांसद व प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली की जनता केजरीवाल सरकार के प्रयासों से असंतुष्ट है;
नई दिल्ली। उत्तर पूर्वी दिल्ली में लोगों के बीच प्रदूषण रोधी एयर मास्क वितरण करने पहुंचे भाजपा सांसद व प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली की जनता केजरीवाल सरकार के प्रयासों से असंतुष्ट है और गत तीन दिन में जनता के बीच इस बाबत जो हालात बने हैं उसका जवाब केजरीवाल सरकार को देना चाहिए।
केजरीवाल सरकार की लापरवाही के चलते दिल्ली में सीएनजी वाहन प्रणाली लागू होने से पूर्व जो स्थिति थी आज उसी स्तर पर पहुंच गई है। तिवारी ने कहा कि हमें सम-विषम योजना से आपत्ति नहीं है पर सरकार इस पर भी गंभीर नजर नहीं आती। सम विषम लागू करने का निर्णय एक आपातकालीन निर्णय की तरह नौ नवम्बर को घोषित किया जाता है पर लागू करने की तिथि 13 नवम्बर तय की जाती है।
इस चार दिन के अंतराल को रखे जाने से योजना के एक आपातकालीन कदम होने की गंभीरता पर ही प्रश्न खड़ा हो जाता है। उन्होंनेे कहा कि खुद मुख्यमंत्री ने माना है कि पिछली बार लागू सम विषम प्रदूषण कम करने में असफल रहा था पर आज राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा भी इस पर गंभीर प्रश्न खड़े किए गए हैं और प्राधिकरण की टिप्पणियों ने केजरीवाल सरकार को एक संवेदनहीन प्रशासक के रूप में प्रस्तुत किया है।
आवश्यकता है कि केजरीवाल सरकार यह बताए कि उसने सम विषम लागू करने का निर्णय किस आधार पर लिया। उन्होंने कहा कि आवश्यकता है सरकार यह बताए कि गत तीन वर्ष में सरकार ने प्रदूषण रोधी क्या कार्यक्रम बनाए खास कर अकास्मिक स्थिति से जूझने के लिए। तिवारी ने कहा कि आज दिल्ली में सभी को पता है कि प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण धूल प्रदूषण है पर सरकार अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए कभी पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने तो कभी वाहन प्रदूषण पर दोष मढ़ने का प्रयास करती है।
आवश्यकता है कि आज केजरीवाल सरकार स्पष्ट करे कि उसने गत तीन साल में धूल प्रदूषण को काबू करने के लिए क्या ठोस नीति बनाई और न्यायालय के निर्देश अनुसार कितनी धूल उठाने वाली सफाई मशीनें खरीदीं, सच तो ये है कि केजरीवाल सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह विफल रही है।