बीसीसीआई के संविधान मामले में फैसला सुरक्षित

उच्चतम न्यायालय ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के मसौदा संविधान को अंतिम रूप देने को लेकर फैसला सुनाये जाने तक सभी राज्य क्रिकेट संघों के चुनाव कराने पर गुरुवार को रोक लगा दी;

Update: 2018-07-05 23:56 GMT

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के मसौदा संविधान को अंतिम रूप देने को लेकर फैसला सुनाये जाने तक सभी राज्य क्रिकेट संघों के चुनाव कराने पर गुरुवार को रोक लगा दी, साथ ही इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने उच्च न्यायालयों से कहा कि राज्य क्रिकेट संघों के लिए प्रशासकों की नियुक्ति से जुड़ी किसी भी याचिका को विचारार्थ स्वीकार नहीं किया जाये।

खंडपीठ ने कहा कि वह ‘एक राज्य, एक मत’ और बीसीसीआई पदाधिकारियों के लिए ‘कूलिंग ऑफ’ अवधि से संबंधित उपखंडों में संशोधन पर विचार करेगी।

न्यायमूर्ति मिश्रा ने सुनवाई के दौरान कहा, “लोढा समिति के कूलिंग ऑफ की सिफारिश को हम नहीं मान रहे। हम बीसीसीआई के सुझाव पर विचार करने को तैयार हैं।”

दरअसल लोढा पैनल ने सिफारिश की थी कि तीन साल के कार्यकाल के बाद सदस्यों के लिए कूलिंग ऑफ पीरियड होना चाहिए लेकिन बीसीसीआई ने सुझाव दिया था कि कूलिंग ऑफ के बजाय किसी और पद पर चुनाव लड़ सकें।

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