सीआरपीएफ वीआईपी सुरक्षा में बनी रहेगी, 2017 के आदेश पर संशय

दो साल पहले तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह की सहमति से जारी एक आदेश अमित शाह द्वारा लगभग 'वापस' लिए जाने के कगार पर है;

Update: 2019-09-20 22:06 GMT

नई दिल्ली। दो साल पहले तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह की सहमति से जारी एक आदेश अमित शाह द्वारा लगभग 'वापस' लिए जाने के कगार पर है, क्योंकि शाह वीआईपी सुरक्षा की जिम्मेदारियां सीआरपीएफ के बजाय केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को सौंपे जाने के खिलाफ हैं।

गृह मंत्रालय ने 23 नवंबर, 2017 को लिए गए एक फैसले में तय किया था कि सिर्फ सीआईएसएफ व नेशनल सिक्युरिटी गार्ड (एनएसजी) वीआईपी के लिए सुरक्षा प्रदान करेंगे।

इस आदेश के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) व भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को 150 लोगों की सुरक्षा व्यवस्था को सीआईएसएफ को 2018 के अंत तक सौंपना था। लेकिन इस कदम का क्रियान्वयन नहीं किया जा सका, क्योंकि सीआरपीएफ के महानिदेशक आर.आर.भटनागर ने बल की तरफ से आपत्ति जताई और इस फैसले पर सोचने के लिए मंत्रालय से संपर्क किया।

उच्च पदस्थ सूत्र ने नाम जाहिर न करने के आग्रह पर आईएएनएस से कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा नवंबर 2017 में आदेश जारी करने के बाद सीआरपीएफ ने इस मुद्दे पर मंत्रालय के विभाग को तीन से चार पत्र लिखे और हालिया संपर्क अमित शाह के नए गृहमंत्री बनने के बाद तीन महीने पहले किया गया।

गृह मंत्रालय के एक अन्य सूत्र के अनुसार, सीआरपीएफ ने मंत्रालय के समक्ष मामले को उठाया और वीआईपी की रक्षा की जिम्मेदारी को बनाए रखने के लिए मंत्रालय को कई आधार दिए।

अधिकारी ने कहा कि सीआरपीएफ जिन कारकों के आधार पर गृह मंत्रालय का समर्थन पाने में सफल रही। इसमें सीआरपीएफ का आंतरिक सुरक्षा बल के तौर पर पूरे भारत में मौजूदगी है। यह सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है, जिससे अधिकतम संख्या में कर्मी राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) व स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) में लिए जाते हैं।

सीआरपीएफ ने तर्क दिया है कि इसके कर्मियों को पहले ही वीआईपी सुरक्षा प्रदान करने के लिए अच्छी तरह प्रशिक्षित किया जाता है, इसलिए बल को जिम्मेदारी को बरकरार रखने की अनुमति दी जानी चाहिए।

सीआरपीएफ के 80 फीसदी कर्मी सबसे मुश्किल वाले इलाकों जैसे जम्मू-कश्मीर व नक्सलवाद प्रभावित राज्यों में तैनात हैं।

यह भी पता चला है कि अमित शाह ने सीआरपीएफ के मनोबल को बढ़ाने व इसके वीआईपी सुरक्षा प्रदान करने की विशेषज्ञता के आधार पर बल के वीआईपी सुरक्षा के नियंत्रण को बरकरार रखने की अपनी योजना को अंतिम रूप दे चुके हैं।

हालांकि, सीआरपीएफ, आईटीबीपी व सीआईएसफ को कोई औपचारिक आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।

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