मंदसौर से किसान नेताओं की गिरफ्तारी की आलोचना
मंदसौर से किसान नेताओं की गिरफ्तारी : कारपोरेट के चंगुल से किसान बचाओ - देश बचाओ - इंसानियत बचाओ;
मंदसौर से किसान नेताओं की गिरफ्तारी : कारपोरेट के चंगुल से किसान बचाओ - देश बचाओ - इंसानियत बचाओ !!
भाजपा सरकारें बढ़ रहीं हैं तानाशाही की ओर -अखिलेन्द्र
लखनऊ। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा मध्य प्रदेश के मंदसौर से किसानों के कर्जा माफी और लोकसभा चुनाव में किए वायदे के अनुसार लागत का डेढ़ गुना दाम किसानों को देने के सवाल पर शुरू हुई शांतिपूर्ण यात्रा से किसान नेताओं की गिरफ्तारी की स्वराज अभियान की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने कड़ी आलोचना की है।
आज प्रेस को जारी अपने बयान में उन्होंने कहा कि भाजपा की राज्य सरकारें और केन्द्र की मोदी सरकार जनविरोधी तो है ही अब यह तानाशाही की ओर बढ़ रही है जिसका राष्ट्रीयस्तर पर प्रतिकार होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह सभी को मालूम है कि मोदी सरकार बड़े पैमाने पर कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचा रही है।
नोटबंदी से लेकर जीएसटी तक की उसकी नीतियां कारपोरेट घरानों के मुनाफे के लिए ही रही है। इन नीतियों ने हमारे देश के अनौपचारिक क्षेत्र को जिसका हमारी अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है, बर्बाद कर दिया है। इससे हमारी खेती किसानी चौपट हो गयी और चौतरफा महंगाई व बेरोजगारी बढ़ी है।
अब इसके खिलाफ जब जनता का संगठित प्रतिकार होना शुरू हो गया है तो वह दमन पर उतर आयी है। अन्यथा कोई कारण नहीं कि शांतिपूर्ण सभा करने जा रहे वामपंथी, लोकतांत्रिक व स्वतंत्र किसान संगठनों के अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के नेताओं को गिरफ्तार किया जाता।
इसी तरह लखनऊ में भी प्रेस क्लब के अंदर से दलित चितंक व पूर्व आईजी एस आर दारापुरी समेत आठ लोगों को गिरफ्तार करना यह दिखता है कि भाजपा सरकारें न्यूनतम लोकतांत्रिक अधिकारों से भी वंचित कर देना चाहती है।
उन्होंने स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेन्द्र यादव, सीपीएम पोलित ब्यूरों सदस्य पूर्व सासंद सुभाषनी अली, किसान सभा के महामंत्री पूर्व सासंद हन्नान मौल्ला, समन्वय समिति के संयोजक पूर्व विधायक बी. एम. सिंह समेत सभी किसान नेताओं को बिना शर्त रिहा करने की मांग की है।
उन्होंने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के द्वारा चलाए जा रहे किसान आंदोलन का समर्थन करने की अपील की है।