स्मार्ट सिटी के लिए खाली जमीन का संकट
स्मार्ट सिटी के लिए नगर निगम और कंसलटेंट फर्म ने नए सिरे से सर्वे तो कर लिया, लेकिन ओपन स्पेस (खाली जमीन) का संकट है।;
गाजियाबाद। स्मार्ट सिटी के लिए नगर निगम और कंसलटेंट फर्म ने नए सिरे से सर्वे तो कर लिया, लेकिन ओपन स्पेस (खाली जमीन) का संकट है। हालांकि आवास विकास परिषद की वसुंधरा में जमीन खाली है, लेकिन इसके लिए विभाग की सहमति लेना अनिवार्य है। ऐसे में अब निगम अफसर और कंसलटेंट फर्म आविप अफसरों और मंडलायुक्त से मीटिंग करेंगे।
स्मार्ट सिटी के लिए चयनित क्षेत्र में सुविधाएं विकसित तो की जाएंगी ही, खाली जमीन पर सर्विस इंडस्ट्रीज, कामर्शियल बिल्डिंग भी बनाई जाने की प्लानिंग हैं। स्मार्ट सिटी के दूसरे चरण में नगर निगम ने कौशांबी एरिया को लिया, लेकिन यहां ऐसे डेवलपमेंट के लिए खाली स्पेस था ही नहीं।
ऐसे में नगर निगम और कंसलटेंट फर्म इस बार ओपन स्पेस को प्राथमिकता देंगे। स्मार्ट सिटी के सहायक नोडल अधिकारी संजय सिंह चौहान का कहना है कि वसुंधरा-वैशाली क्षेत्र का सर्वे कर लिया गया है। वसुंधरा में ओपन स्पेस भी मिला है। इसके लिए आवास विकास परिषद के अधिकारियों से वार्ता हुई है। जल्द ही दोबारा वार्ता कर जमीन लेने के लिए सहमति बनाने का प्रयास किया जाएगा।
विकास के होंगे कई मॉडल
स्मार्ट सिटी के कंसेप्ट में विकास के कई मॉडल को शामिल किया जाएगा। चयनित क्षेत्र में न केवल सीवर, पानी, लाइट, शिक्षा की सुविधा देनी होगी, बल्कि हरियाली भी विकसित करनी होगी। स्किल डेवलपमेंट और रोजगार के लिए भी युवाओं को तैयार करना होगा।