केरल विधानसभा चुनावों में सर्वोत्तम टीम उतार सकती है माकपा, डीप शी फिशिंग मुद्दा पैदा कर सकता है मुश्किलें

केरल में माकपा नेतृत्व वाली पिनाराई विजयन सरकार दक्षिणी राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए पहली सत्तारूढ़ सरकार बनकर इतिहास रचने का लक्ष्य लेकर चल रही है;

Update: 2021-03-01 23:28 GMT

तिरुवनंतपुरम। केरल में माकपा नेतृत्व वाली पिनाराई विजयन सरकार दक्षिणी राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए पहली सत्तारूढ़ सरकार बनकर इतिहास रचने का लक्ष्य लेकर चल रही है। माकपा ने 6 अप्रैल के विधानसभा चुनावों के लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम को मैदान में उतारने का फैसला किया है। योग्य बेरोजगार युवाओं के विरोध और डीप-सी फिशिंग डील पर घिरने के कारण पार्टी के लिए चुनौतियां भी बहुत हैं। इसलिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी कोई समझौता करने के मूड में नहीं दिख रही है। केरल में 140 विधानसभा क्षेत्रों में से संभावित 90 सीटों पर माकपा चुनाव लड़ेगी। इन सीटों पर यह अपने सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। पार्टी के शीर्ष अधिकारी गंभीरता से यह सोच रहे हैं कि क्या उन्हें बड़े नामों को छोड़ने की जरूरत है, जैसा कि पहले की योजना थी।

2019 के लोकसभा चुनावों में सूपड़ा साफ होने के बाद माकपा का मनोबल उस समय बढ़ा जब इसने स्थानीय निकाय चुनावों में उम्दा प्रदर्शन किया। उस समय इस विषय पर विचार-विमर्श हो रहा था कि पार्टी कुछ बड़े नामों को छोड़ने का फैसला कर सकती है। लेकिन, बेरोजगार युवाओं के विरोध और डीप-सी फिशिंग डील के मुद्दे पर घिरने के बाद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को लगा कि इससे कहीं चूक हो गई है और इससे निपटने की जरूरत है। इसी के मद्देनजर गंभीर चर्चा शुरू हो गई है और आने वाले दिनों में पार्टी की उम्मीदवारों की सूची की संरचना का पता चलेगा।

घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि सामान्य प्रक्रिया यह है कि उम्मीदवारों की सिफारिशें पार्टी की 14 जिला समितियों से आती हैं और फिर अंतिम चयन राज्य समिति स्तर पर किया जाता है।

माकपा ने पहले दिग्गज नेताओं एवं राज्य मंत्रियों जैसे थॉमस इस्साक, जी. सुधाकरन, ए.के. बालन, कदकम्पल्ली सुरेंद्रन, एम.एम. मणि और टी.पी. रामकृष्णन को सियासी समर में नहीं उतारने का फैसला किया था।

नाम न छापने की शर्त पर एक शीर्ष स्रोत ने कहा कि नवीनतम समाचार यह है कि इन सभी नामों पर फिर से विचार किया जा रहा है और एक या दो दिनों में चीजें स्पष्ट हो जाएंगी। पी. जयराजन, ए. विजयराघवन, एमए बेबी और एमवी गोविंदन जैसे बड़े नेताओं के अलावा केएन बालगोपाल और वीएन वासावन सरीखे फ्रंटलाइन नेताओं के नामों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

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