गोरखपुर विश्वविद्यालय में एवीबीपी और कुलपति के बीच तकरार जारी, नहीं निकल रहा कोई हल

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति राजेश सिंह के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है;

Update: 2023-08-23 07:06 GMT

लखनऊ। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति राजेश सिंह के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।

संगठन की ओर से जारी बयान में कुलपति को घेरते हुए कहा गया है कि प्रो. राजेश सिंह द्वारा लगातार की जा रही वित्तीय अनियमितताएं व अकादमिक कुप्रबंधन का सीधा दुष्प्रभाव छात्रों के भविष्य पर पड़ रहा है, जिससे तंग आकर वहां के छात्र, विश्वविद्यालय के कुलपति व विश्वविद्यालय प्रशासन के विरोध में उतर आए।

परिषद की ओर से कहा गया है कि तथ्यों के आधार पर जबसे प्रो. राजेश सिंह की अक्षमता व भ्रष्टाचार उजागर होना शुरू हुआ है, वह मीडिया पर अवैध हस्तक्षेप कर मीडियाकर्मियों को डराना चाहते हैं।

गोरखपुर विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय के ही प्रोफेसर द्वारा शोध‌ के नाम पर करोड़ों रुपए की धनराशि सीड मनी के रूप जारी होने व उसके कोई हिसाब नहीं होने का आरोप विश्वविद्यालय कुलपति पर लगाया गया है।

इस संदर्भ उचित जांच करके सत्य सामने आना चाहिए और आरोप सत्य साबित होने पर कुलपति पर कार्रवाई हो।

गोरखपुर विश्वविद्यालय की वर्तमान बदहाल स्थिति में प्रोफेसर राजेश सिंह द्वारा अपने भ्रष्टाचार व कुप्रबंधन के विरोध में उठने वाली छात्रों की आवाज को दबाने के लिए तानाशाही रवैया अपनाते हुए छात्रों के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज कराई गई है व विरोध कर रहे छात्रों का दमन किया जा रहा है।

बयान में बताया गया है कि प्रो. राजेश सिंह गोरखपुर विश्वविद्यालय में वर्तमान नियुक्ति से पूर्व पूर्णिया विश्वविद्यालय, बिहार के कुलपति (मार्च 2018 से अगस्त 2020) तक रहे। जिस कार्यकाल के दौरान उनके ऊपर विश्वविद्यालय निधि के गबन के व विभिन्न प्रकार के भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे, जिसकी जांच लोकायुक्त बिहार द्वारा की गई।

उक्त जांच में लोकायुक्त बिहार ने पाया कि प्रोफेसर राजेश सिंह ने पूर्णिया विश्वविद्यालय में कुलपति रहते हुए अपनी वित्तीय शक्तियों का दुरुपयोग करके वित्तीय अनियमितताएं की। इस संदर्भ में लोकायुक्त ने पूर्णिया विश्वविद्यालय के ऑडिट की अनुशंसा राज्यपाल से की। जांच पूरी होने तक प्रो. राजेश सिंह आरोप-मुक्त होने का दावा नहीं कर सकते हैं।

गोरखपुर विश्वविद्यालय में भी उनपर अलग-अलग तरह के आरोप लग रहे हैं, जिनका उनके पास कोई जवाब नहीं है।

इन आरोपों पर कुलपति का पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी।

Full View

Tags:    

Similar News