कांग्रेस ने मलिक के पुलवामा हमले के खुलासे की जांच की मांग करते हुए उपराज्यपाल आवास तक किया मार्च

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के आधिकारिक आवास की ओर मार्च निकालते हुए जम्मू जिला कांग्रेस के सदस्यों ने मंगलवार को ’जय भारत सत्याग्रह’ के बैनर तले पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा पुलवामा हमले के दावों की जांच की मांग करते हुए प्रदर्शन किया;

Update: 2023-04-18 22:15 GMT

जम्मू। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के आधिकारिक आवास की ओर मार्च निकालते हुए जम्मू जिला कांग्रेस के सदस्यों ने मंगलवार को ’जय भारत सत्याग्रह’ के बैनर तले पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा पुलवामा हमले के दावों की जांच की मांग करते हुए प्रदर्शन किया।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विकार रसूल वाणी, सचिव मनोज यादव, कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला, पूर्व मंत्री मूला राम तथा योगेश साहनी सहित अन्य नेताओं नेतृत्व में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों ने शहीदी चौक से उपराज्यपाल निवास तक मार्च निकाला। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, जबकि सड़कों को बैरिकेडिंग लगाकर अवरुद्ध कर दिया गया था।

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने, सत्यपाल मलिक की टिप्पणि के मद्देनजर पुलवामा हमले की जांच कराने की मांग को लेकर केंद्र के खिलाफ नारेबाजी की।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने विकार रसूल वानी ने मीडिया से बात करते हुए पुलवामा हमले को लेकर पूर्व उपराज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा की गई सनसनीखेज टिप्पणियों पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा।

उन्होंने कहा, “यह ’बेहद परेशान करने वाला’ है इस घटना में शहीद हुए जवानों का अपमान नहीं किया जाना चाहिए और पूर्व उपराज्यपाल द्वारा की गई टिप्पणियों की सटीकता से तत्काल जांच होनी चाहिए। ”

उन्होंने कहा कि केवल किए गए खुलासों को नज़रअंदाज़ करके इस तरह की कार्रवाइयों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा )नेतृत्व द्वारा छुपाया नहीं जा सकता है, लोगों को तत्काल जवाब चाहिए। यह सुरक्षा और हमारे शहीद जवानों के सम्मान से संबंधित है। कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला ने केंद्र सरकार की निंदा करते हुए कहा कि हम आग्रह करते हैं कि पुलवामा हमले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनोज यादव ने कहा कि इस बात की जांच की जानी चाहिए कि क्या पुलवामा घटना से पहले मोदी सरकार द्वारा खुफिया सूचनाओं की अनदेखी की गई थी।

पूर्व मंत्री योगेश साहनी ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि पूर्व राज्यपाल के इतने बड़े बयान पर सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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