मीडिया के खिलाफ कांग्रेस विधायक ने किया असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल: नरोत्तम मिश्रा

 मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आज आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने आज विधानसभा में पत्रकारों के लिए असम्मानजनक और असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया है।;

Update: 2018-03-09 17:29 GMT

भोपाल। मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आज आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने आज विधानसभा में पत्रकारों के लिए असम्मानजनक और असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया है, इसलिए उन्हें सार्वजनिक तौर पर माफी मांगना चाहिए।

विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों के बीच हुयी तकरार के बाद विधानसभा परिसर में पत्रकारों से चर्चा में मिश्रा ने यह आरोप लगाया। श्री मिश्रा ने कहा कि पटवारी के एक परिजन के खिलाफ इंदौर में कतिपय मीडिया ने खबर प्रकाशित की है। इस बात से क्षुब्ध श्री पटवारी ने सदन में मीडिया के खिलाफ अपमानजनक शब्द कहें। 

 मिश्रा ने कहा कि आज सदन में जो मुद्दा पटवारी उठा रहे थे, वह महिलाओं, किसानों और जनहित से नहीं जुड़ा है। उन्होंने पत्रकारों का मामला उठाकर सदन का समय जाया किया। उन्होंने कहा कि पटवारी को मीडिया से माफी मांगना ही चाहिए। 

सदन में इस संबंध में कहीं गयीं बातों को आसंदी की ओर से कार्यवाही से विलोपित कराने के बाद भी मिश्रा ने अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा से कहा था कि ये बातें विलोपित नहीं करायी जानी चाहिए। इस संबंध में पत्रकारों के सवाल के जवाब में मिश्रा ने कहा कि वे यह मानते हैं कि ये बातें विलोपित नहीं होना चाहिए। इसके पीछे तर्क यह है कि कांग्रेस सदस्य ने मीडिया के बारे में क्या कहा, यह बात रिकार्ड में रहना चाहिए। वहीं पटवारी ने भी विधानसभा परिसर में मीडिया से कहा कि उन्होंने पत्रकारों के संबंध में असंसदीय टिप्पणी नहीं की है।

सत्तारूढ़ दल के सदस्य ही उनकी बात को अलग रंग देकर पत्रकारों को लेकर असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बात सदन में दर्ज की गयी कार्यवाही से भी साफ है।  इसके पहले सदन में इस मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हुआ।

सत्तारूढ़ दल के सदस्य  पटवारी से माफी मंगवाए जाने की बात पर अड़े थे , जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत ने सदन में ही कहा कि कांग्रेस सदस्य ने मीडिया के खिलाफ असंसदीय शब्दों का प्रयोग नहीं किया। सत्तारूढ़ दल ही बात को गलत ढंग से पेश करके तूल दे रहा है। अध्यक्ष ने काफी देर तक दोनों पक्षों को समझाया, तब जाकर कार्यवाही आगे बढ़ सकी। इसके पहले इसी मुद्दे को लेकर हुए हंगामे के चलते कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित भी रही।

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