कांग्रेस ने तिब्बत पर खांडू के बयान की निंदा की

 कांग्रेस ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के चीन और तिब्बत से जुड़े बयान को 'अपरिपक्व और गैर जरूरी' करार दिया है;

Update: 2017-04-22 17:12 GMT

ईटानगर।  कांग्रेस ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के चीन और तिब्बत से जुड़े बयान को 'अपरिपक्व और गैर जरूरी' करार दिया है। खांडू ने हाल ही में कहा था कि भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमा तिब्बत से मिलती है, न कि चीन से।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तकाम संजोय ने कहा, "अरुणाचल प्रदेश जैसे संवेदनशील राज्य के मुख्यमंत्री को तिब्बत की स्थिति और उसके इतिहास पर भारत सरकार द्वारा मान्य स्थिति से इतर बयान नहीं देना चाहिए।"

पूर्व लोकसभा सदस्य संजोय ने कहा कि तिब्बत की मौजूदा राजनीतिक स्थिति 'तिब्बत चीनी गणराज्य का स्वायत्तशासी क्षेत्र' की है।केंद्र सरकार ने 14 अप्रैल को कहा था कि भारत के उस रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है कि तिब्बत, चीन का हिस्सा है और भारत, चीन के साथ सीमा विवाद सुलझाने के लिए पारस्परिक स्वीकार्य सहमति बनाने पर काम करता रहेगा।

खांडू ने कथित तौर पर कहा था कि बीजिंग के पास भारत के अंदर कहीं भी दलाई लामा के आने-जाने को लेकर नई दिल्ली को चेतावनी देने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि भारत की सीमा चीन से नहीं तिब्बत से लगती है।उन्होंने कहा कि मैकमोहन रेखा वास्तव में भारत और तिब्बत को अलग करती है।

बीजिंग द्वारा हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के छह शहरों के नाम चीनी भाषा में रखने पर संजोय ने कहा, "ब्रिटिश शासन के समय से ही अरुणाचल प्रदेश के मूलवासियों को भारत की मुख्यधारा में शामिल कर लिया गया था।

अरुणाचल के कुछ आदिवासी नेताओं ने भारत की आजादी के आंदोलन में भी हिस्सा लिया। इसलिए चीन द्वारा अरुणाचल की स्थिति पर विवाद खड़ा करना बेतुका है और नस्ली सबूतों से भी परे है।"
 

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