विपक्ष के हंगामें के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित
कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने आज राज्यसभा में कर्नाटक में राजनीतिक घटनाक्रम और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में विनिवेश के मुद्दों पर हंगामा किया;
नयी दिल्ली । कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने आज राज्यसभा में कर्नाटक में राजनीतिक घटनाक्रम और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में विनिवेश के मुद्दों पर हंगामा किया जिसके चलते सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सभापति एम वेंकैया नायडू ने विधायी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये जाने के बाद जैसे ही शून्यकाल की कार्यवाही शुरू की तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और कांग्रेस के बी के हरिप्रसाद ने अपने स्थगन प्रस्ताव के नोटिसों का उल्लेख करना चाहा। सभापति ने कहा कि उन्हें उक्त सदस्यों के स्थगन प्रस्ताव मिले हैं और उन्होंने कर्नाटक से संबंधित प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है लेकिन सदस्य चाहें तो शून्यकाल में अपनी बात रख सकते हैं।
तृणमूल कांग्रेस के नोटिस पर उन्होंने कहा कि यह मुद्दा गत 21 जून को सदन में उठाया जा चुका है और इसे दोबारा उठाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इस पर कांग्रेस तथा तृणमूल कांग्रेस के सदस्य अपनी जगहों से उठकर विरोध करते हुए आसन की ओर लपके।
नायडू ने कहा कि तृणमूल के सदस्य बजट पर चर्चा के दौरान अपने मुद्दे को उठा सकते हैं लेकिन शून्यकाल की कार्यवाही में व्यवधान डालना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि सदन में पिछले 13 दिन से बहुत अच्छे तरीके से काम हो रहा है और सभी जगह इसकी प्रशंसा हो रही है। यदि सदस्य चाहते हैं कि सदन की कार्यवाही न चले तो वह कार्यवाही स्थगित कर रहे हैं। इसके बाद उन्होंने कार्यवाही बारह बजे तक स्थगित कर दी।
कांग्रेस के सदस्य शून्यकाल रोककर कर्नाटक में राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा कराना चाहते थे। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमोें में विनिवेश के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे।
इस सत्र में यह पहला मौका है जब सदन की कार्यवाही हंगामे के कारण पूरे एक घंटे के लिए स्थगित की गयी है।