MP News: सीएमएचओ, खनिज अधिकारी, दो इंजीनियरों को मंच से ही किया सस्पेंड
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार यह बयान देते आये हैं कि भ्रष्टाचार पर उनकी जीरो टॉलरेंस की नीति है।;
गजेन्द्र इंगले
भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार यह बयान देते आये हैं कि भ्रष्टाचार पर उनकी जीरो टॉलरेंस की नीति है। और समय समय पर वह किसी न किसी अधिकारी पर कार्यवाही कर अपनी इस जीरो टॉलरेंस की नीति को चरितार्थ करते नजर आते हैं। शुक्रवार को बैतूल में भी जनसभा को संबोधित करते हुए जब शिवराज सिंह को जानकारी मिली कि कुछ अधिकारी अपने कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही कर रहे हैं तो उन्होंने मंच से ही जिला खनिज अधिकारी, सीएमएचओ व दो इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया।
रेत टेंडर में गड़बड़ी व पक्षपात की शिकायत पर खनिज अधिकारी ज्ञानेश्वर तिवारी पर यह कार्यवाही की है। लचर स्वास्थ्य सेवाओं के चलते सीएमएचओ डॉक्टर एके तिवारी को हटाया है। बिजली समस्याओं के निराकरण में लापरवाही बरतने पर जेई पवन बारस्कर व साईंखेड़ा को सस्पेंड किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बैतूल के कुंडब्काजन गांव में पैसा एक्ट और मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के तहत हितलाभ वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उसी समय मंच से उन्होंने इन सभी अधिकारियों को सस्पेंड करने की घोषणा कर दी।
आपको बता दें कि यह पहला मामला नहीं है जब मुख्यमंत्री ने मंच से किसी अधिकारी को सस्पेंड किया हो। पहले भी वह कई मौकों पर इसी तरह की कार्यवाही कर चुके हैं। उनकी लगातार इन कार्यवाही से अब ऐसे हालात हो गए हैं कि जहां भी मुख्यमंत्री का कार्यक्रम होता है वहां के अधिकारियों की नींद उड़ जाती है। इन सबके बीच एक बड़ा प्रश्न यह भी उठता है कि जब मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति है तो यह अधिकारी मुख्यमंत्री को मंच से ही क्यों दिखाई देते हैं?