चुनाव आयोग ने अन्नाद्रमुक के चुनाव चिह्न के इस्तेमाल पर रोक लगायी
चेन्नई ! चुनाव आयोग ने तमिलनाडु की सत्तारुढ़ पार्टी अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक)के विभाजन के बाद उसे एक बड़ा झटका देते हुये;
चेन्नई ! चुनाव आयोग ने तमिलनाडु की सत्तारुढ़ पार्टी अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक)के विभाजन के बाद उसे एक बड़ा झटका देते हुये आज देर रात एक आदेश में उसके चुनाव चिह्न के इस्तेमाल पर रोक लगा दी।
चुनाव आयोग का यह आदेश पार्टी के दोनों धड़ों- जेल में बंद शशिकला और दूसरे विद्रोही नेेता ओ पन्नीरसेल्वम के गुटों के उन दावों के बाद दिया जिसमें उन्होंने पार्टी के चुनाव चिह्न ‘दो पत्तियों’ पर अपना-अपना हक जताया था।
गौरतलब है कि तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री जे जयललिता के निधन के बाद रिक्त हुयी सीट पर 12 अप्रैल को आर के नगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है। इसी के मद्देनजर दाेनों धड़ों में पार्टी के चुनाव चिह्न के इस्तेमाल को लेकर खींचतान मची हुयी है।
चुनाव आयोग ने यह साफ किया कि दोनों धड़ों में से कोई भी आगामी उपचुनाव में न तो अन्नाद्रमुक के नाम इस्तेमाल कर सकता है और न ही पार्टी झंडे का प्रयोग कर सकता है।
चुनाव आयोग की ओर से इस आदेश के बाद दोनों धड़ें अब अन्नाद्रमुक के चुनाव चिह्न का इस्तेमाल नहीं कर सकते। अब कल नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन शशिकला और पन्नीरसेल्वम धड़ों को अपना-अपना नया चुनाव चिह्न चुनना पड़ेगा।
शशिकला धड़े ने इस उपचुनाव में अपना उम्मीदवार पार्टी के उपमहासचिव और पूर्व सांसद टीटीवी दीनाकरण को बनाया है।
नामांकन दाखिल करने के अंतिम समय इस फैसले से दोनों पार्टियों को नये चिह्न और मतदाताओं के विश्वास जीतने में काफी पेरशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1987 में अन्नाद्रमुक के संस्थापक एम जी रामचन्द्रन के निधन के बाद पार्टी में ऐसी ही स्थिति पैदा हो गयी थी।
चुनाव आयोग ने दोनों धड़ों की ओर से पार्टी को लेकर अपनी-अपनी दावेदारी पेश करने के बाद निर्देश देते हुये कहा,“ आयोग इतने कम समय में किसी भी प्रकार के अंतिम निर्णय देने की स्थिति में नहीं है। आयोग के पास अब अंतरिम आदेश जो दोनों धड़े के लिये सही हो, देने के अलावा और कोई उपाय नहीं बचा है।
आयोग के निर्देश के अनुसार,“ दाेनों पक्षों में से कोई भी न ही पार्टी का नाम और न ही चिह्न प्रयोग कर सकता है।
चुनाव आयोग ने कहा कि न ही याचिकाकार्ता ओ पन्नीरसेल्वम, इ मधुसूदन और एस सेम्मालाई और न ही प्रतिवादी शशिकला तथा दीनाकरण पक्ष को अन्नाद्रमुक के नाम के इस्तेमाल की इजाजत दी जायेगी।
चुनाव आयोग ने यह भी कहा की दोनो पक्ष अन्नाद्रमुक के चुनाव चिह्न ‘दो पत्तियों’ का भी इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।
गौरतलब है कि ‘दो पत्तियों’ वाला अन्ना द्रमुक का चुनाव चिह्न उपचुनाव में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता था। चुनाव आयोग की ओर से इस चुनाव चिह्न के इस्तेमाल पर रोक के निर्देश के बाद श्री दीनाकरण और श्री पन्नीरसेल्वम धड़ें की ओर से उम्मीदवार इ मधुसूदन के लिये अब उप चुनाव जीतना आसान नहीं होगा।
चुनाव आयोग के इस आदेश के बाद दोनों धड़ों को नया चुनाव चिह्न चुनना पड़ेगा जिस वजह से मतदाता इन नये चुनाव चिह्नों से अपरिचित हाेंगे लेकिन वहीं द्रविड़ मुनेत्र कषगम(द्रमुक) के चुनाव चिह्न ‘उगता सूर्य’ और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के चुनाव चिह्न ‘कमल’ को मतदाता पहले से पहचानते हैं जिसका इनदोंनो पार्टियों को इस उपचुनाव में फायदा हो सकता है।
चुनाव चिह्न वाले मुद्दे के बीच चुनाव आयोग अन्नाद्रमुक के महासचिव के रूप में श्रीमति शशिकला की नियुक्ति की वैधता पर भी फैसला सुना सकता है।