चैती छठ: व्रतियों ने पवित्र गंगा में लगाई डुबकी

 बिहार में सूर्योपासना के चार दिवसीय चैती छठ के दूसरे दिन यानी खरना पर व्रतियों ने आज गंगा समेत अन्य नदियों एवं तालाबों में स्नान किया।;

Update: 2018-03-22 11:23 GMT

पटना। बिहार में सूर्योपासना के चार दिवसीय चैती छठ के दूसरे दिन यानी खरना पर व्रतियों ने आज गंगा समेत अन्य नदियों एवं तालाबों में स्नान किया।

महापर्व चैती छठ के दूसरे दिन आज सुबह व्रतियों ने पटना समेत राज्य के विभिन्न जिलों में नदियों, तालाबों एवं कुंडों में स्नान करने के बाद उपवास शुरू किया। पूरे दिन निर्जला उपवास के बाद व्रती सूर्यास्त होने पर भगवान सूर्य की पूजा कर एक बार ही दूध और गुड़ से बनी खीर खायेंगे। इसके बाद जब तक चांद नजर आयेगा तभी तक वह जल ग्रहण कर सकेंगे और उसके बाद उनका करीब 36 घंटे का निराहार व्रत शुरू हो जायेगा।

शुक्रवार को व्रत के तीसरे दिन व्रतधारी अस्ताचलगामी सूर्य को नदियों और तालाबों में खड़े होकर प्रथम अर्घ्य अर्पित करेंगे। व्रतधारी अस्त हो रहे सूर्य को फल और कंद मूल से अर्घ्य अर्पित करते है।

पर्व के चौथे और अंतिम दिन व्रतधारी एक बार फिर नदियों और तालाबों में खड़े होकर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देंगे। दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के बाद ही श्रद्धालुओं का करीब 36 घंटे का निराहार व्रत समाप्त होता है और वे अन्न ग्रहण करेंगे ।

सूर्योपासना के चार दिवसीय महापर्व के पहले दिन बुधवार को व्रतियों ने अंतःकरण की शुद्धि के लिए नहाय-खाय के संकल्प के तहत नदियों-तालाबों में स्नान के बाद अरवा भोजन ग्रहण कर चार दिवसीय व्रत को शुरू किया था। 

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