झारखंड अलग राज्य के आंदोलनकारियों की पहचान का अभियान शुरू, आश्रितों के लिए नौकरी, आरक्षण और पेंशन की योजना

झारखंड अलग राज्य के आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को नौकरी, आरक्षण और पेंशन देने की योजना धरातल पर उतारने के लिए राज्य सरकार ने काम शुरू कर दिया है;

Update: 2022-06-04 01:44 GMT

रांची। झारखंड अलग राज्य के आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को नौकरी, आरक्षण और पेंशन देने की योजना धरातल पर उतारने के लिए राज्य सरकार ने काम शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आंदोलनकारियों को चिन्हित करने के अभियान की शुरूआत शुक्रवार को की। इसके लिए झारखंड मंत्रालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इसके लिए आवेदन प्रपत्र जारी किये गये। उन्होंने आंदोलनकारियों की पहचान करने के लिए बनाया गये आयोग के प्रतीक चिह्न् का भी विमोचन किया।

इस योजना के मुताबिक अलग राज्य आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में जिन लोगों की मौत हो गयी या अंग-भंग की वजह से जो लोग 40 प्रतिशत तक दिव्यांग हुए, उनके एक आश्रित को राज्य सरकार के अधीन तृतीय और चतुर्थ वर्ग के पदों पर सीधी नौकरी दी जायेगी। अन्य आंदोलनकारियों के एक आश्रित को राज्य में तीसरे और चौथे दर्जे की सरकारी नियुक्तियों में पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिया जायेगा। जिन आंदोलनकारियों की जेल में मृत्यु हुई, उनके एक आश्रित को प्रतिमाह न्यूनतम साढ़े तीन हजार से लेकर सात हजार रुपये तक की प्रतिमाह पेंशन दी जायेगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए आंदोलन चिन्हितीकरण आयोग के राज्य कार्यालय एवं जिला उपायुक्त के कार्यालयों में निर्धारित प्रपत्र में आवेदन किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आंदोलनकारियों की नए सिरे से पहचान कर सूचीबद्ध किया जाएगा। झारखंड अलग राज्य के लिए हुआ आंदोलन भी देश की आजादी की लड़ाई से कम नहीं है। एक लंबे संघर्ष के बाद हमें झारखंड राज्य मिला। अनगिनत लोगों में अपनी कुर्बानियां दी। कई लोग शहीद हुए। यह राज्य उनकी शहादत को कभी भूल नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि जब झारखंड अलग राज्य आंदोलन की शुरूआत हुई थी तो लोगों को लगा था कि आदिवासी समुदाय के लिए यह लक्ष्य हासिल करना असंभव है। झारखंड केआदिवासी और धरती पुत्र पूरे ²ढ़ संकल्प के साथ आंदोलन को धार देते रहे और आखिरकार अलग राज्य का सपना साकार हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग राज्य की सरकारों ने झारखंड आंदोलनकारियों को चिन्हित करने की योजना शुरू की लेकिन कई वर्षों में मात्र दो हजार आंदोलनकारी चिन्हित किए गए थे। हमने तय किया है कि एक-एक आंदोलनकारी को उनकी शहादत और कुर्बानी का सम्मान देंगे। इस मौके पर राज्य सभा सांसद शिबू सोरेन, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग के अध्यक्ष दुर्गा उरांव सहित बड़ी संख्या में आंदोलनकारी मौजूद थे।

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