खरीदारों ने अपनी शर्तों के साथ जताया जेपी पर भरोसा

पिछले 8 सालों से चल रहा जेपी बिल्डर और बायर्स का झगड़ा अब समाप्त होने जा रहा है;

Update: 2018-05-11 14:07 GMT

नोएडा। पिछले 8 सालों से चल रहा जेपी बिल्डर और बायर्स का झगड़ा अब समाप्त होने जा रहा है। जेपी के बायर्स अपनी कुछ शर्तों के साथ जेपी पर भरोसा करने को तैयार हो गए हैं। जिसके बाद जेपी और बायर्स दोनो ने ही राहत की सांस ली है। दोनो के समझौते के बाद बिल्डर को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत मिल जाएगी और प्रोजेक्टों का रूका हुआ काम फिर से शुरू हो सकेगा। दोनो पक्षों ने गुरुवार को साझा बैठक कर यह फैसला किया है।

 करीब 20 हजार लैट बायर्स और जेपी इंफ्राटैक लि. के बीच सालों से विवाद चल रहा था, जहां बिल्डर अपने आप को दिवालिया घोषित कर अपनी सभी संपत्तियों को नीलाम करना चाह रहा था। वहीं बायर्स के सुप्रीम कोर्ट में जाने पर कोर्ट ने जेपी को दिवालिया घोषित करने पर रोक लगा दी। दोनो तरफ  से पेंच फंसने के बाद जेपी और बायर्स ने आपसी सहमती के बाद एक समझौता कर अपना विवाद खत्म करने का फैसला किया है।

गुरुवार को बिल्डर और बायर्स ने एक बैठक कर विवाद को खत्म करते हुए अपनी कुछ शर्तों के आधार पर कोर्ट में एफिडेविट लगाने पर सहमति बनाई है। जिसके बाद सभी प्रोजेक्ट पर फिर से काम शुरू हो जाएगा। नीलामी के बाद एक ही प्रोजेक्ट को कई छोटे बिल्डर करते पूरा बायर्स का कहना है कि अगर जेपी अपनी कंपनी को दिवालिया घोषित कर देता और वह संपत्ति नीलाम हो जाती तोए एक ही प्रोजेक्ट को कई छोटे छोटे बिल्डर या कंस्ट्रक्शन कंपनी पूरा करते।

जिसमें एक ही प्रोजेक्ट के चार टावरों को अलग अलग कंपनी बनाती। जाहिर बात है कि उस प्रोजेक्ट की क्वालिटी में बहुत अंतर आ जाता और जो वायदा बायर्स से किया गया थाए वो पूरा नहीं होता।

छोटी कंपनी घटिया सामग्री का प्रयोग कर अपना काम निपटाकर चली जाती। बायर्स का कहना है कि इसी प्रकार की कई समस्याओं को देखते हुए सभी बायर एक साथ आए और जेपी पर भरोसा जताते हुए उसका सहयोग करने को तैयार हुए। जेपी ने कोर्ट के आदेश पर 7500 करोड़ भी जमा करा दिए हैं। अब कुछ शर्तें हैं जिन्हें जेपी ने मान लिया है। अब कोर्ट में दोनो तरफ से शपथपत्र दाखिल हो जाएंगे और हमारे लैटों का रूका हुआ कार्य फिर से शुरू हो सकेगा।

ये हैं शर्तें

01. जेपी इंफ्राटैक को सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र सोंपना पड़ेगा की वह बायर्स के साथ कोई धोखा नहीं करेगा।
02. प्रोजेक्ट पूरा करने में जितना पैसा लगेगा उसकी व्यवस्था जेपी जल्द से जल्द करेगा।
03. लैटों के निर्माण की देखरेख करने के लिए एक कमैटी का गठन किया जाएगा।
04. कमैटी में बायर्सए पुलिसए प्रशासन व कोर्ट के लोगों को शामिल किया जाएगा।
05. इस सब के लिए बायर्स से कोई अतिरिक्त शुल्क की मांग अवैध रूप से नहीं की जाएगी।
06. जेपी से अन्य बैंको का जो भी मामला है उसे लैट बायरों से नहीं जोड़ा जाएगा।

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