आम बजट में व्यापारियों को कोई राहत नहीं
वित्त मंत्री अरुण जेतली द्वारा पेश किए गए बजट पर व्यापारिक संगठनों ने अलग अलग प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं। व्यापारियों ने इस बजट को खास बजट नहीं बताया है।;
होडल। वित्त मंत्री अरुण जेतली द्वारा पेश किए गए बजट पर व्यापारिक संगठनों ने अलग अलग प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं। व्यापारियों ने इस बजट को खास बजट नहीं बताया है। सरकार द्वारा इस बजट में बैंकों और एटीएम से नगदी निकासी की सीमा नहीं बढ़ाए जाने से व्यापारियों ने इसे नाकाफी बताया है।
व्यापारियों का कहना है कि नोट बंदी के बाद से ही व्यापारी वर्ग सरकार के इस बजट से बहुत उम्मीद लगाए बैठा था, लेकिन केवल ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपए तक की आमदनी पर कर छूट की घोषण से आम जनता को कोई खास राहत नहीं मिली है। सरकार द्वारा शुरु की गई कैशलैस योजना भी बड़े व्यापार के लिए परेशानी पैदा करेगी। जिससे व्यापार के साथ साथ व्यापारी वर्ग भी प्रभावित होगा।
क्या कहते हैं व्यापारी
सरकार द्वारा पेश किए गए इस बजट से आम जनता को कोई खास लाभ नहीं होगा। इससे व्यापारी वर्ग को भी खास लाभ नहीं मिलने वाला है। नोट बंदी की घोषणा के बाद से व्यापारी और ग्राहक सरकार से उम्मीद लगाए बैठे थे।
कैलाश मंगला
सरकार को अब बैंकों से नगदी निकासी की सीमा समाप्त कर देनी चाहिए जिससे कारोबार में बढोतरी हो सके। बैंक द्वारा नगदी लेनदेन की सीमा निर्धारित किए जाने के कारण बाजार का व्यापारी पूरी तरह से ठप पडा हुआ है।
अनिल गर्ग
सरकार ने इस बजट में आम जनता को थोडी राहत देने का प्रयास तो किया है लेकिन किसानों और व्यापारियों के लिए कुछ भी घोषणा नहीं की है। विकास की गति तभी पकडेगा जब उपभोक्ता के हाथ में नगदी होगी।
सतीश गर्ग
सरकार ने ग्राहक और व्यापारी वर्ग दोनों को राहत देने का प्रयास किया है लेकिन इससे कोई खास फर्क नहंी पडेगा। बैंकों से नगदी निकासी की सीमा की पाबंदी को पूरी तरह समाप्त किए जाने के बाद ही व्यापारी वर्ग को राहत मिलेगी।