बसपा, सपा ने लोकल मुद्दों पर तैयार किए अपने नारे
नोएडा ! कवियों द्वारा लिखित दो पंक्तियों की कविता अपने अंदर सब कुछ समाए रखती है।;
नोएडा ! कवियों द्वारा लिखित दो पंक्तियों की कविता अपने अंदर सब कुछ समाए रखती है। सिर्फ सुनकर कवि क्या कहना चाहता इसका अर्थ निकाला जा सकता है। कुछ ऐसा ही शहर के चुनावी रण में देखने को मिल रहा है। ,पार्टी हाईकमान नहीं बल्कि लोकल वाद को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपने स्लोगन व नारे तैयार किए है।
हाथी की वेषभूषा में एक युवक घूमा सडक़ पर
सपा के कार्यकर्ता साइकिल से ही कर रहे हैं प्रचार
जिनके साथ वह सेक्टर व गांवों में लोगों के बीच जा रहे है। ताकि प्रत्याशी उनसे क्या चाहता है और उनके लिए क्या करना चाहता है। इसको समझाने में परेशानी न हो।
ग्यारह फरवरी को शहर में मतदान प्रक्रिया होनी है। प्रत्याशियों व कार्यकर्ताओं के पास इतना समय नहीं कि वह लोगों को घोषणा पत्र सुना सके या एक-एक मतदाता के बीच को अपने विचारों को व्यक्त कर सके। इसका सार्वजनिक हल स्लोगन व नारा निकाला गया। देखे तो सपा के शहर में 12 टीमें काम कर रही है। महिला टीम के अलावा एक टीम कांग्रेस व सपा गठबंधन की है। सपा कार्यकर्ता अपने स्लोगन सबक जो दुख दर्ज को समझे, वोह वोटो के लायक है बने विधायक सुनील चौधरी हर शख्स विधायक है। इसी तर्ज पर बसपा कार्यकर्ता भी गांव व सेक्टरों में घूम-घूमकर चलो सरकार बनाए हाथी वाला बटन दबाएं के साथ इन दोनों स्लोगनों के साथ पार्टी कार्यकर्ता चुनावी समर में कूद चुके है। खास बात यह है कि इन स्लोगनों के अलावा प्रत्याशी अपने सिंबलों की पहचान भी अलग तरीके से व्यक्त कर रहे है।
शहर में बसपा का प्रचार प्रतिकात्मक रूप में एक युवक हाथी की वेषभूषा में कर रहा है। उधर, सपा के अधिकांश कार्यकर्ता साइकिल से ही अपने प्रचार में जान फूंक रहे है। कार्यकर्ताओं की माने तो समय बहुत कम बचा हुआ है। ऐसे में जितना ज्यादा समय लोगों के बीच गुजारा जाए उतना ही बेहतर होगा। वहीं, बोलने से ज्यादा अभ्यास के जरिए समझाना ज्यादा कारगर है।