होर्डिंग लगाकर मोटी कमाई कर रहीं बीओटी कंपनियां
नगर निगम चुनाव के दौरान भी क्षेत्र में बीओटी कंपनियों पर होर्डिंग लगाने में गड़बड़ी करने की शिकायतें मिल रही हैं;
गाजियाबाद। नगर निगम चुनाव के दौरान भी क्षेत्र में बीओटी कंपनियों पर होर्डिंग लगाने में गड़बड़ी करने की शिकायतें मिल रही हैं। कहा जा रहा है कि कई कंपनियां अनुबंध में दिए गए स्थान से अलग प्राइम लोकेशन पर होर्डिंग लगाकर मोटी कमाई कर रही हैं। आरोप है कि नगर निगम प्रशासन ने यह सब जानते हुए भी अभी तक एक भी बीओटी कंपनी के खिलाफ कार्रवाही नहीं की है। इस मामले की जांच कर रहे चीफ इंजीनियर आर. के. मित्तल दो महीने बाद भी जांच पूरी नहीं कर पाए हैं।
नगर आयुक्त का कहना है कि उन्हें भी इस संबंध में शिकायतें मिली हैं, जिनकी जांच कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच में दोषी पाई जाने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम की ओर से 68 कंपनियों को बीओटी पर होर्डिंग लगाने का ठेका दिया गया है। जिस रोड पर होर्डिंग लगाने का ठेका इन कंपनियों को दिया गया है, उन सड़कों पर लगीं स्ट्रीट लाइट का रखरखाव भी इन कंपनियों को ही करना है। वहीं, कई कंपनियों के साथ हुए अनुबंध में इस बात का भी जिक्र है कि वे डिवाइडर का रखरखाव और उसकी रंगाई-पुताई का कार्य भी करेंगी। बावजूद इसके निगम की कॉन्ट्रेक्ट वाली कंपनियां एलईडी लगाने का कार्य कर रही हैं।
ऐसे में बीओटी कंपनियां स्ट्रीट लाइट लगाने से बच रही हैं। वहीं, कई कंपनियों पर आरोप है कि वे डिवाइडर की मेंटिनेंस नहीं कर रही हैं। इन सबसे अलग कई कंपनियों पर आरोप है कि वे अनुबंध में तय की गई जगह की बजाय मनमाने तरीके से प्राइम लोकेशन वाली जगहों पर होर्डिंग और साइनबोर्ड लगा रही हैं। जिससे इन कंपनियों को मोटी कमाई हो रही है। नगर आयुक्त सीपी सिंह ने इस मामले में चल रही गड़बड़ी की जांच नगर निगम के चीफ इंजीनियर आर. के. मित्तल को सौंपी थी।
जिसने अनुबंध का उल्लंघन कर प्राइम लोकेशन पर होर्डिंग लगाए हैं। दो महीने बाद भी जांच पूरी नहीं हो सकी है। चीफ इंजीनियर का कहना है कि जांच अभी चल रही है, जल्द ही इसकी रिपोर्ट नगर आयुक्त को सौंप दी जाएगी।