बांदा के जिलाधिकारी से भाजपा विधायक खफा

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की तिंदवारी सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक बृजेश कुमार प्रजापति ने यहां शनिवार को मीडियाकर्मियों को दिए एक बयान में जिलाधिकारी से बेहद खफा नजर आए;

Update: 2018-11-10 21:49 GMT

बांदा। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की तिंदवारी सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक बृजेश कुमार प्रजापति ने यहां शनिवार को मीडियाकर्मियों को दिए एक बयान में जिलाधिकारी से बेहद खफा नजर आए। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी का अपने मातहत अधिकारियों पर नियंत्रण नहीं नियंत्रण रह गया है। विधायक ने कहा, "जिलाधिकारी हीरालाल न तो बालू के अवैध खनन पर रोक लगा पा रहे हैं और न ही अपने अधीनस्थ अधिकारियों पर उनका नियंत्रण रह गया है। कर्मचारी भी उनकी बात नहीं मानते।"

प्रजापति ने कहा कि कोलावल रायपुर बालू खदान के खिलाफ एक नवंबर को किसानों ने केन नदी की जलधारा में 'जल सत्याग्रह' किया था, उस दौरान अपर जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी ने आवंटित सीमा से हटकर खनन किया जाना स्वीकार किया था।

उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देश के बाद भी नायब तहसीलदार ने लाखों रुपये कीमत की उस बालू को अब तक न तो सीज किया है और न ही खदान का सीमांकन ही हो पाया है। अब भी दुरेंडी बालू खदान का आवंटी मशीनों से केन नदी की जलधारा में बेहिचक अवैध खनन कर रहा है।

विधायक ने कहा कि जिले की चार तहसीलों में तैनात उपजिलाधिकारी जिला मुख्यालय में अपना आवास बनाए हुए हैं, जबकि हर तहसील में बने सरकारी आवासों में भी उनका कब्जा है। एक नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए सभी तहसील स्तरीय अधिकारियों को 24 घंटे तहसील मुख्यालय में मौजूद रहने का आदेश दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री के आदेश को भी दफन कर दिया गया है।"

इस संबंध में जिलाधिकारी से उनका पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन वह अपने सरकारी फोन पर उपलब्ध नहीं थे। अलबत्ता, अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) संतोष बहादुर सिंह ने बताया कि कोलावल बालू खदान के सीमांकन और अवैध खनन में पकड़ी गई बालू सीज करने के लिए नरैनी के नायब तहसीलदार को आदेशित किया गया था, लापरवाही बरतने पर उनको नोटिस जारी कर तलब किया गया है। 

उपजिलाधिकारियों के जिला मुख्यालय में आवास बनाने के विधायक के आरोप पर उन्होंने कहा कि सभी उपजिलाधिकारियों को नियमानुसार सरकारी आवास का आवंटन किया गया है और सभी तहसील मुख्यालयों में मौजूद भी रहते हैं।

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