संवैधानिक संस्थानों को निष्क्रिय करने में लगी भाजपा सरकार: अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार लोकतंत्र की मूलभावना पर कुठाराघात करने की साजिशों में लगी है और एक-एक कर संवैधानिक संस्थानों को निष्क्रिय बनाने और उनसे सम्बद्ध जनप्रतिनिधियों को अपमानित करने का काम कर रही है;

Update: 2020-12-18 18:50 GMT

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार लोकतंत्र की मूलभावना पर कुठाराघात करने की साजिशों में लगी है और एक-एक कर संवैधानिक संस्थानों को निष्क्रिय बनाने और उनसे सम्बद्ध जनप्रतिनिधियों को अपमानित करने का काम कर रही है। अखिलेश यादव ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि जनता भाजपा की इस जनविरोधी और संविधान विरोधी आचरण को भली प्रकार पहचान रही है और वह समय आने पर इसका करारा जबाव देगी।

उन्होने कहा कि विपक्ष के सरकारी कुनीतियों के विरोध में खड़ा होने से योगी सरकार डर गई है। प्रदेश में ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसम्बर को समाप्त हो रहा है जबकि जिला पंचायतों का 15 जनवरी को समाप्त हो रहा है। भाजपा सरकार समय पर चुनाव न कराकर इनमें सरकारी प्रशासक नियुक्त करना चाहती है। यह जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है।

भाजपा सरकार इसी तरह कोरोना का बहाना बनाकर लोकसभा का शीतकालीन सत्र टालकर किसानों और विपक्ष का सामना करने से बच रही है। संसद में बहस रोक कर भाजपा वस्तुतः असहमति के स्वर का दमन करना चाहती है। भाजपा विपक्ष और विरोध के खिलाफ बड़ा षडयंत्र कर रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा का संविधान, लोकतंत्र और संसदीय व्यवस्था पर विश्वास है तो उसे लोक सभा एवं विधान सभा का सत्र बुलाकर देश में किसान बिल, निजीकरण, बेरोजगारी, मंहगाई तथा उ0प्र0 में गिरती कानून व्यवस्था, शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र में अव्यवस्था, अवरूद्ध विकास, महिला सुरक्षा व किसानों के रूके हुए कामों पर तुरन्त चर्चा करानी चाहिए।

उन्होने कहा कि देश इस समय संक्रमण के दौर में है। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में 24 किसान शहीद हो चुके हैं। दम्भी भाजपा सरकार अंग्रेजों से भी ज्यादा निर्दयी हो चुकी है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी किसानों के आंदोलन के अधिकार को माना है। लेकिन भाजपा सरकार अपनी बातें किसानों पर थोपने में लगी है।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा का यह दोहरा चरित्र इस बात से उजागर है कि जब कोरोना के संक्रमण काल में मध्य प्रदेश में सरकार बन सकती है, बिहार में विधानसभा का चुनाव हो सकता है, पश्चिम बंगाल में भाजपा नेताओं की बड़ी-बड़ी रैलियां हो सकती हैं और मुख्यमंत्री काशी, अयोध्या में दीपोत्सव में शामिल हो सकते हैं तो फिर पंचायत चुनाव और संसद के शीतकालीन सत्र के स्थगन का क्या औचित्य है यह तो भाजपा का डर है कि वह अब चुनाव से भाग रही है और उसके लिए बहानेबाजी कर रही है।

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