भाजपा ने कांग्रेस से आए 3 नेताओं पर भी लगाया दांव

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के 78 प्रत्याशियों की घोषणा के बाद पार्टी के भीतर बगावत के सुर उभरने लगे हैं;

Update: 2018-10-21 22:04 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के 78 प्रत्याशियों की घोषणा के बाद पार्टी के भीतर बगावत के सुर उभरने लगे हैं। 'गैरों पर करम अपनों पर सितम' की राह पर चल पड़ी सत्तारूढ़ पार्टी ने कांग्रेस छोड़कर आए तीन नेताओं को भी टिकट दिया है। कैबिनेट मंत्री रमशिला साहू का टिकट काटकर उनकी दुर्ग ग्रामीण विधानसभा सीट से पूर्व कांग्रेसी जागेश्वर साहू को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। पाटन से विधायक रह चुके विजय बघेल की जगह झीरम हमले में दो गोली खा चुके पूर्व कांग्रेसी मोतीराम साहू को भाजपा ने चुनाव मैदान में उतारा है। इसके साथ ही हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए रामदयाल उइके को पाली तानाखार से टिकट दिया गया है। दुर्ग ग्रामीण और पाटन के नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मिलकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे। 

कोरबा से बंशीलाल महतो के बेटे विकास महतो, चंद्रपुर में दिलीप सिंह जूदेव के बेटे युद्धवीर सिंह जूदेव के बाद उनकी पत्नी, लैलूंगा में संगीता सत्यानंद राठिया के पति सत्यानंद राठिया को भाजपा ने मौका दिया है। वहीं, तखतपुर में पूर्व भाजपा सांसद मनहरण लाल पांडेय की बेटी हर्षिता पांडेय को 25 साल बाद टिकट मिला है। 

दूसरी तरफ, सामरी से हार चुके सिद्धनाथ पैकरा, लुंड्रा से हार चुके विजय नाथ सिंह, अंबिकापुर से हारे अनुराग सिंह देव, लैलूंगा से सत्यानंद राठिया, रामपुर से ननकीराम कंवर, बिल्हा से धरमलाल कौशिक, मस्तूरी से डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी, जांजगीर चांपा से नारायण चंदेल, रायपुर ग्रामीण से नंदे साहू, अभनपुर से चंद्रशेखर साहू, कोंडागांव से लता उसेंडी और दंतेवाड़ा से भीमा मंडावी को भी टिकट दिया गया है। ये सभी पिछला विधानसभा चुनाव हार गए थे। 

बहरहाल, कांग्रेस से आए नेताओं और पूर्व चुनाव में पराजित लोगों के साथ-साथ कथित रूप से परिवारवाद को बढ़ावा देने को लेकर भाजपा में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। 

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