बालक का सिटी स्केन कराने घंटों स्टाफ का इंतजार करता रहा पिता
बिलासपुर ! सिम्स में एक पिता अपने 12 वर्षीय बच्चे को स्ट्रैचर पर लेकर सिटी स्केन कक्ष के बाहर इंतजार करता रहा लेकिन वहां कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा।;
बिलासपुर ! सिम्स में एक पिता अपने 12 वर्षीय बच्चे को स्ट्रैचर पर लेकर सिटी स्केन कक्ष के बाहर इंतजार करता रहा लेकिन वहां कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा।
जांजगीर-चांपा निवासी सनी राम अपने 12 वर्षीय पुत्र मुखव को सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण उपचार के लिए सिम्स लेकर पहुंचा। जहां डाक्टरों ने उसे सिटी स्केन कराने की सलाह दी। बच्चे की स्थिति गंभीर होने पर उसे आक्सीजन भी लगाया गया है। सनी राम जब बच्चे को सिटी स्केन के लिए लेकर गया तो वहां कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था, जिससे पिता अपने बच्चे को स्ट्रेचर पर रखकर कर्मचारियों का घंटों इंतजार करता रहा। सिम्स में सिटी स्केन, सोनोग्राफी व एक्सरे कक्ष में अक्सर वहां के कर्मचारी नदारद रहते हैं। जिससे जांच के लिये आने वाले मरीजों को लम्बा इंतजार करना पड़ता है। गंभीर मरीजों के जांच में ज्यादा परेशानी होती है। सिम्स के सिटी स्केन सोनोग्राफी व एक्सरे कक्ष में अक्सर देखा गया है कि मरीज कतार लगाए रहते हैं और कर्मचारी नदारद रहते हैं, जिससे कक्ष कक्ष के बाहर स्ट्रेचर, व्हीलचेयर पर मरीज घंटों अपने जांच के लिए इंतजार करते रहते हैं। वहीं कुछ मरीजों ने बताया कि जैसे तैसे जांच तो यहां हो जाती है लेकिन रिपोर्ट जल्दी या जांच वाले दिन ही नहीं मिल पाती है। जिससे रिपोर्ट के लिए चक्कर काटने पड़ते हैं। ज्यादातर परेशानी दूरदराज से आये लोगों को होती है। रिपोर्ट एक दिन में नहीं मिल पाने से उन्हें दोबारा सिम्स आना पड़ता है।
सिम्स में सामान्य बीमारियों की दवाईयां नहीं मिलती है। सिम्स के डाक्टरों द्वारा जो दवाईयां पर्ची पर लिखी जा रहर है वह भी वितरण कक्ष में नहीं मिलती जिससे मरीजों को बाहर से दवाईयां खरीदनी पड़ती है। विश्रामपुर से आई सुनीता देवी ने बताया कि वह अपने बेटे धीरज 22 वर्ष को चिकनपाक्स होने पर इलाज के लिए सिम्स लेकर आई है लेकिन डाक्टर ने जो दवा लिखी वह दवा वहां नहीं मिली।
उसने बताया कि स्मार्ट कार्ड के भरोसे बेटे को इलाज के लिए लेकर आई है। लेकिन दवा अस्पताल में नहीं मिल पाई और बाहर से दवा खरीदने के लिये पैसे नहीं है।