गर्भवतियों को टॉनिक,दवाएं मिलेगी नि:शुल्क
बिलासपुर ! प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत देश में हर महीने की 9 तारीख को सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में निजी चिकित्सकों की भागीदारी से गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व नि:शुल्क जांच की जाएग;
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत् हर माह की 9 तारीख को शिविर
बच्चों की मृत्यु दर की होगी रोकथाम
बिलासपुर ! प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत देश में हर महीने की 9 तारीख को सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में निजी चिकित्सकों की भागीदारी से गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व नि:शुल्क जांच की जाएगी। कल सभी शासकीय अस्पतालों, जिला चिकित्सालयों प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की जायेगी व इसमें महिलाओं को दवाएं, कैल्शियम, टॉनिक, सप्लीमेंट आदि भी नि:शुल्क दी जाएगी। केन्द्र सरकार द्वारा इस अभियान का उद्देश्य देश में प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं में होने वाली मृत्यु दर को कम करना है।
गौरतलब है कि देशभर में 40 हजार गर्भवती महिलाओं की मृत्यु प्रसव के दौरान होती थी। 1990 में देश में मृत्युदर 556 प्रतिशत प्रसव के दौरान हुई थी। वहीं विदेशों में 385 प्रतिशत प्रसव में हुई थी। उसके बाद 2015 में देश में मातृत्व मृत्यु दर 167 पर घट गया वहीं विश्व का मातृत्व दर 2015 में 216 था। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का उद्देश्य देश में गर्भवती महिलाओं की प्रसव के दौरान होने वाली मृत्यु दर को कम करना है। इसमें चिकित्सकों, विशेषज्ञों द्वारा दूसरी या तीसरी तिमाही की सभी गर्भवती महिलाओं को कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच सुनश्चित करना है। कोई भी नैदानिक स्थिति जैसे की रक्ताल्पता, गर्भावस्था प्रेरितउच्च रक्तचाप गर्भावधि मधुमेह आदि का उचित प्रबंधन कुपोषण से पीडि़त महिलाओं में रोग का जल्दी पता लगाने पर्याप्त और उचित प्रबंधन पर विशेष जोर देना।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की विशेषता यह है कि देश में तीन करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व देखभाल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए इसे शुरू किया गया है। इस अभियान का लक्ष्य सभी गर्भवती महिलाओं तक योजना का लाभ पहुंचाना है, पर विशेष रुप से यह प्रयास होगा कि वे महिलाएं जिन्होंने एएनसी के लिए रजिस्टर नहीं किया है तथा जिन्होंने रजिस्टर किया है लेकिन एएनसी सेवाओं का लाभ नहीं उठाया है एवं उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं तक पहुँचे। इसमें गर्भवती महिलाओं को मातृ एवं बाल संरक्षण कार्ड तथा सुरक्षित मातृत्व पुस्तिकाएं दी जाएंगी। उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान एवं फालोअप करना अभियान के महत्वपूर्ण घटकों में से एक है। स्टीकर जो कि गर्भवती महिला की स्थिति एवं जोखिम के कारक को दर्शाएगा। इस स्टीकर को एमसीपी कार्ड पर हर जांच के दौरान जोड़ा जाएगा।