जल-जीवन-हरियाली अभियान पर बिहार अपने बजट से खर्च करेगा 24000 करोड़ : नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में कभी सुखाड़ और कभी भारी बारिश एवं बाढ़ का कारण जलवायु परिवर्तन को बताया;

Update: 2019-10-02 22:22 GMT

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में कभी सुखाड़ और कभी भारी बारिश एवं बाढ़ का कारण जलवायु परिवर्तन को बताया और कहा कि इस चुनौती का सामना करने के लिए आज से ‘जल-जीवन-हरियाली’ अभियान की शुरुआती की गई है, जिस पर अगले तीन साल तक उनकी सरकार अपने बजट से 24 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी।

श्री कुमार ने आज यहां ज्ञान भवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर ‘गांधी विचार समागम’ में जल-जीवन-हरियाली अभियान का शुभारंभ करने के बाद कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण राज्य में कभी सुखाड़ और कभी भारी बारिश की स्थिति बन रही है। वर्ष 2017 में फ्लैश फ्लड की स्थिति आयी थी और इस वर्ष भी जुलाई में राज्य के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति आयी। इसके बाद गंगा नदी के जलस्तर में भी वृद्धि हुई। हाल ही में तीन-चार दिनों तक तेज वर्षा हुई, जिसके कारण कई जगहों पर जलजमाव की स्थिति बनी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी वर्ष जलवायु परिवर्तन विषय पर 13 जुलाई को सभी दलों के विधान पार्षदों एवं विधायकों की बैठक हुई थी, जिसमें सर्वसम्मति से मंतव्य बनाया गया कि इसके लिए अभियान चलाया जाए। इसलिए, उनकी सरकार ने जल-जीवन-हरियाली अभियान की आज शुरुआत की है। जल-जीवन-हरियाली का अर्थ, जल है हरियाली है तभी जीवन है, चाहे जीवन मनुष्य का हो या पशु-पक्षी का। उन्होंने कहा कि 26 अक्टूबर से प्रत्येक पंचायत से इस अभियान के तहत कोई न कोई कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी।

श्री कुमार ने कहा कि इस अभियान के तहत 11 घटक शामिल किये गये हैं। यह अभियान अगले तीन वर्ष तक चलेगा और राज्य सरकार अपने बजट से 24 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत पुराने तालाब, आहर, पईन, पोखर और कुओं का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। चापाकल एवं नलकूप के नजदीक सोख्ता का निर्माण कराया जाएगा ताकि भूमिगत जल का स्तर बढ़ सके।

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