23 मई को कांग्रेस की बड़ी बैठक, ‘टीम-140’, कांग्रेस का मास्टर प्लान तैयार

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर अपने हमले तेज करने के लिए कमर कस ली है। दिल्ली में 23 मई को एक बड़ी बैठक होने जा रही है, जिसमें पार्टी के करीब 140 प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्ट्स को ट्रेनिंग दी जाएगी। इस मीटिंग का मकसद है इन लोगों को विदेश नीति, सीजफायर और संसद सत्र जैसे मुद्दों पर तैयार करना, ताकि वो बीजेपी सरकार की खामियों को और जोर-शोर से उजागर कर सकें;

Update: 2025-05-22 13:21 GMT

नई दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर अपने हमले तेज करने के लिए कमर कस ली है। दिल्ली में 23 मई को एक बड़ी बैठक होने जा रही है, जिसमें पार्टी के करीब 140 प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्ट्स को ट्रेनिंग दी जाएगी। इस मीटिंग का मकसद है इन लोगों को विदेश नीति, सीजफायर और संसद सत्र जैसे मुद्दों पर तैयार करना, ताकि वो बीजेपी सरकार की खामियों को और जोर-शोर से उजागर कर सकें। खबर है कि इस बैठक में राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी शामिल हो सकते हैं। जयराम रमेश, पवन खेड़ा और सुप्रिया श्रीनेत जैसे सीनियर नेता भी इस ट्रेनिंग को लीड करेंगे। तो क्या है इस बैठक को लेकर पूरी जानकारी, आइए जानते हैं।

पहले तो समझते हैं कि आखिर ये टीम 140 क्या है। तो कहा ये जा रहा है कि ये टीम 140 दरअसल कांग्रेस का मास्टरप्लान है, जिसमें देशभर से चुने गए 140 प्रवक्ताओं को एकजुट करके उन्हें बीजेपी सरकार की नीतियों, खासकर विदेश नीति, पर निशाना साधने की ट्रेनिंग दी जाएगी। मकसद साफ है - सरकार की कमजोरियों को उजागर करना और जनता तक अपनी बात को और प्रभावशाली तरीके से पहुंचाना। खास तौर पर, हाल के घटनाक्रम जैसे पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सीजफायर ऐलान, जिसको लेकर कांग्रेस सरकार से लगातार कई सवाल पूछ रही है।

लेकिन पार्टी का आरोप है कि मोदी सरकार इन मुद्दों पर जवाब देने से बच रही है। फिर चाहे वो सर्वदलीय बैठक हो या संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग, सरकार कहीं न कहीं इस सवालों को डॉज करती हुई, इनसे बचती हुई नजर आ रही है। और इसे ही मौके की जरूरत मानते हुए कांग्रेस अपनी इस ‘टीम-140’ के जरिए जनता के बीच ये बात ले जाना चाहती है कि बीजेपी सरकार, नेशनल और इंटरनेशनल, दोनों ही मुद्दों पर ट्रांसपेरेंसी यानी पारदर्शिता नहीं बरत रही है।

वैसे इस बात को झुठलाया नहीं जा सकता है कि आजकल बीजेपी की ताकत उसका प्रचार तंत्र और सोशल मीडिया की रणनीति है। बीजेपी की आईटी सेल और उनके नेताओं की पोस्ट्स अक्सर कांग्रेस को निशाने पर लेती हैं। हाल ही में बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय की एक पोस्ट ने खूब बवाल मचाया, जिसमें राहुल गांधी की तस्वीर को पाकिस्तानी सेना के प्रमुख आसिम मुनीर के चेहरे के साथ जोड़ा गया था।

कांग्रेस की ये बैठक सिर्फ ट्रेनिंग तक ही सीमित नहीं है। पार्टी चाहती है कि उसके प्रवक्ता जनता को ये समझाएं कि बीजेपी की फॉरेन पॉलिसी में कौन सी खामियां हैं। जैसे कि, ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर का ऐलान सबसे पहले अमेरिका से क्यों हुआ? आखिर क्यों पीएम मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर इस पर चुप हैं।

इसके अलावा, कांग्रेस ने संसद के विशेष सत्र की मांग भी बार-बार उठाई है। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को कई पत्र लिखे, जिसमें पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की गई। मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने तो 28 अप्रैल को भी ऐसा ही पत्र लिखा था, लेकिन सरकार ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया।

यानी देखा जाए तो कांग्रेस और बीजेपी के बीच अब सिर्फ संसद या सड़क पर ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी जंग छिड़ी हुई है। बीजेपी की तरफ से राहुल गांधी और कांग्रेस को निशाना बनाने वाली पोस्ट्स का जवाब कांग्रेस अपने तीखे बयानों और प्रदर्शनों से दे रही है। सुप्रिया श्रीनेत और पवन खेड़ा जैसे नेताओं की सक्रियता से साफ है कि कांग्रेस अब सोशल मीडिया पर भी पीछे नहीं रहना चाहती।

 

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