भूपेश बघेल पर 91 एकड़ जमीन में फर्जीवाड़े का आरोप

 प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पर जनता कांग्रेस ने आज फिर जमीन से जुड़े एक मामले में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है;

Update: 2017-06-26 17:00 GMT

रायपुर।  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पर जनता कांग्रेस ने आज फिर जमीन से जुड़े एक मामले में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है। पूर्व मंत्री विधान मिश्रा और विधायक आर के राय ने  भूपेश बघेल पर सीलिंग अधिनियम के तहत अपनी लगभग 91 एकड़ जमीन को बचाने के लिए परिवार के दो सदस्यों के पिता का नाम बदलने का खुलासा किया है।  इस मामले की शिकायत व जांच की मांग मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से की गई है।

रविवार को सागौन बंगला मेंं आयोजित पत्रकार वार्ता में  विधान मिश्रा और विधायक आर के राय ने कहा है कि देश में सिलिंग अधिनियम 7 मार्च 1974 को लागू हुआ था। इस अधिनियम के तहत प्रत्येक परिवार के लिए कृषि जमीन की सीमा निर्धारित की गई थी। भूपेश बघेल के परिवार में निर्धारित सीमा से अधिक कृषि जमीन सिलिंग से बचाने के लिए फर्जीवाड़ा किया। 
उन्होंने दस्तावेजी सबूत  के आधार पर बताया कि भूपेश बघेल के सगे भाई हितेश कुमार बघेल और सगी बहन भारती के पिता का नाम बदल दिया गया। हितेश बघेल के दस्तावेज में पिता नंद कुमार बघेल के स्थान पर सदाराम गोड़ लिख दिया गया। इसी तरह भारती बघेल के पिता का नाम हरिचरण दास लिखा गया। ऐसा कर शासन से धोखाधड़ी की गई।  पाटन तहसील के कुरूद डीही गांव में हितेश बघेल के नाम पर 25 एकड़ और बेदौली गांव में 18 एकड़ कुल मिलाकर 42 एकड़ जमीन है। भारती बाई वल्द हरिचरण दास के नाम पर बेदोली गांव में 48 एकड़ जमीन है। इस तरह कुल मिलाकर लगभग 91 एकड़ ज़मीन की अफरा-तफरी की गई है। 

उन्होंने बताया कि सगे भाई-बहन ने अपने पिता का नाम अलग-अलग दर्शाया है। हितेश बघेल ने आधार कार्ड में पिता का नाम नंद कुमार बघेल लिखा है।  वहीं दूसरी ओर ऋण पुस्तिका एवं बैंक खातों में पिता का नाम सदाराम लिखा है।  हितेश कुमार के बैंक खातों में एक जगह पिता का नाम नंद कुमार बघेल एवं सदाराम गोड लिखा है।
 

सदाराम गोड़ किस जाति के है : राय
विधायक आर के राय ने आरोप लगाते हुये कहा सदाराम गोड कौन है एवं किस जाति के है। क्या वो आदिवासी  है उसकी जांच होना चाहिए। जनता कांग्रेस के नेताओ ने इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई को सौंपने मांग किये। 

 

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