बेला भाटिया के घर पर लोगों ने किया हमला

जगदलपुर ! मानवाधिकार आयोग एवं समाज सेवी बेलाभाटिया के संभागीय मुख्यालय से केवल 5 किलो मीटर दूरी पर स्थित किराये के मकान पर 23 जनवरी की दोपहर लगभग 12:30 बजे कुछ;

Update: 2017-01-23 22:26 GMT

मामले के खिलाफ बेलाभाटिया दर्ज करायेंगी एफआईआर
पुलिस मान रही गांव वाले कर रहे विरोध

 जगदलपुर !  मानवाधिकार आयोग एवं समाज सेवी बेलाभाटिया के संभागीय मुख्यालय से केवल 5 किलो मीटर दूरी पर स्थित किराये के मकान  पर 23 जनवरी की दोपहर लगभग 12:30 बजे कुछ लोगों ने  बलात प्रवेश कर उन्हें घर खाली कर जाने को कहा। इसका  उन्होंने विरोध किया। बेलाभाटिया ने बताया कि दोपहर लगभग 12:30 बजे उनके निवास के सामने एक सफेद रंग की चार पहिया वाहन आकर रूकी। साथ ही कुछ और लोग दो पहिया वाहन में भी आये थे। वाहनों से उतरकर वे धीरे-धीरे घर की ओर आये। उनमें से एक व्यक्ति ने नशा किया हुआ था वह अशब्दों का प्रयोग भी कर रहा था और मारने पीटने की धमकी भी दे रहा था। घर के अंदर से मुझे निकालने लगे इस बीच कुछ लोग मकान को तोडऩे, सामानों को आग लगाने जैसी धमकिया भी दे रहे थे। कुछ लोग मकान मालकिन को घर से बाहर ले गये और उनसे भी मुझे घर से बाहर निकालने की बात कहने लगे। इन सब घटनाओं के बीच भीड़ बढऩे लगी निवास के सामने लगभग 25-30 लोगों का जमावाड़ा हो गया। उनमें कुछ लोग परपा रेल्वे पारा के भी शामिल थे। कुछ नकाबपोश बेलाभाटिया गांव छोड़ों, भेलाभाटिया मुर्दाबाद, बेलाभाटिया को गांव से भगाना होगा और नक्सलवाद मुर्दाबाद जैसे नारे लगा रहे थे। परपा पुलिस के थानेदार श्री खान भी अमले के साथ पहुंचे इस पर बेलाभाटिया ने प्रदर्शन कर रहे लोगों से कहा कि तुम्हारा मकसद पूरा हो गया पुलिस पहुंच चुकी है वैसे भी आपस में यह तय हो गया है कि वे इस घर को खाली कर जाने के लिए तैयार है। पर एकाएक मकान खाली कर जाना संभव नहीं है इसके लिए तीन दिनों का समय मांगा। इस पर उन्हें केवल एक दिन की मोहलत दी गई है। 24 जनवरी की शाम 6 बजे तक मकान खाली कर अन्यत्र जाने की बात लिखित रूप में उन्होंने दी है। इस समय तक गांव के सरपंच भी पहुंच गये थे। सरपंच द्वारा एक अन्य पत्र पर मकान मालकिन से हस्ताक्षर लिया गया जिस पर लिखा था ग्रामीण चाहते है कि आप गांव से चले जाये। जिसका उन्होंने विरोध किया जब लिखित रूप से दिया जा चुका है फिर किसी पत्र पर मकान मालकिन से क्यों हस्ताक्षर लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत के विभिन्न राज्यों में 30 वर्षो से मानवाधिकार को लेकर कार्य कर रही है। वर्तमान में बस्तर में हो रहे मानवाधिकार हनन को लेकर संविधान के दायरे में रहते हुए कार्य कर रही है। बस्तर में जो माहौल बनाया जा रहा है वह ठीक नहीं है। बस्तर में शांतिपूर्ण माहौल का निर्माण होना चाहिए। प्रजातांत्रित व्यवस्था के अन्तर्गत बस्तर में भय का वातावरण बनाकर गुंडागर्दी की तालिम नहीं दिया जाना चाहिए।
इसके पूर्व भी किया जा चुका है परेशान
उन्होंने इस घटना के पूर्व भी उनके घर पर भय का माहौल बनाये जाने का आरोप लगाते हुए बताया कि  18-19-20 जनवरी को वे राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग दल के साथ बीजापुर के पेदागेलुर, चिन्नगेलुर और पेलमलेड़ा गांव की पीडि़त महिलाओं के बयान लेने गई थी। 21 जनवरी की सुबह घर पहुंची। रात को लगभग 1:30 बजे कुत्तों के जोर से भौकने की आवाज आई और किसी ने मकान के दरवाजे को भी थपथपाया। घर से बाहर निकलकर देखे तो दो लोग आये थे और मकान मालिक को घर से दूर ले जाकर कुछ बाते कर रहे थे। मकान मालकिन और मै दरवाजे पर खड़े थे कुछ समय बाद अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए मकान के अंदर चले गये और अंदर से फाटक बंद कर मकान मालकिन के साथ रहे। इसके कुछ देर बाद एक मोटर सायकल के गुजरने की आवाज आई। सुबह पता चला कि रात 9 बजे परपा थाना पुलिस मकान मालिक के बेटे के घर गई थी। उसने बताया कि उसके पिता गांव गये हुए है। 22 जनवरी को मकान मालिक व उनके बेटों को परपा थाना बुलाकर उनका बयान लिया गया। इसके पूर्व नवम्बर माह में 6 लोगों द्वारा हस्ताक्षर युक्त झुठी शिकायत मकान मालिक के विरोध में की गई थी। कोटवार शिक्षित होने के बावजूद पत्र में उनके नाम के सामने अंगुठा लगाया गया था। 15 जनवरी को सरपंच ने मकान मालिक को बुलाकर कहा कि चिठ्ठी आई है जिसमें समाजिक कार्यकर्ता ने गांव में शराब बनाने का कार्य सरपंच द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने इस तरह की कोई चिठठी लिखने से इन्कार किया है। इसके तुरन्त बाद 16 जनवरी की रात पुलिस आई और एक दुकानदार व सरपंच के घर पर छापामार कार्यवाई की। 17 को मकान मालकिन को बुलाकर मुझे घर से निकालने के लिए फिर से कहा गया मकान मालकिन ने इन्कार किया। फिर इसके बाद 18 को वे बीजापुर के लिये निकल गई।

 

Tags:    

Similar News