पलवल का बासवां गांव जहां कैंसर ने जमाया घर
पलवल जिले का बासंवा गांव ऐसा गांव है जहां हर तीसरे घर में एक मरीज कैंसर जैसी घातक बीमारी की चपेट में है;
पलवल। पलवल जिले का बासंवा गांव ऐसा गांव है जहां हर तीसरे घर में एक मरीज कैंसर जैसी घातक बीमारी की चपेट में है। 6000 आबादी वाले इस गांव के करीब 150 से भी अधिक लोग विभिन्न अस्पतालो में कैंसर का इलाज करवा रहे है तो करीब 50 लोग इस बिमारी की चपेट में आकर दम तोड़ चुके है। स्वास्थ्य विभाग ने भी इस और कोई गौर नहीं किया केवल एक या दो कैंप लगाकर बिमार लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया।
ग्रामीण पूर्व सरपंच ऋषिपाल, दलीप ङ्क्षसह, बलवीर, भागीरथ पहलवान, विष्णु, दयाचंद, किशन चंद ने हमारे संवाददाता को बताया कि उनका गांव आगरा केनाल नहर से लगता हुआ है और गांव के लोग ज्यादातर इस पानी को इस्तेमाल करते है हो सकता है इस गंदे व रसायन युक्त पानी की वजह से गांव में कैंसर फैला हो या ये भी हो सकता है कि गांव में घरो की छतो पर कुछ टावर भी लगे हुए है।
उनसे निकलने वाली खतरनाक किरणो के कारण गांव इस बिमारी की चपेट में आया हो। गांव वालो ने बताया कि इस बीमारी की चपेट में आकर अब तक 50 से भी अधिक लोग मौत के मुंह में समा चुके है जिसमें धनराज, सुरेश, पैमा, नरेश, पपल, छत्तर ङ्क्षसह, राजबीर, धनराज, गोपाल व महिला सुनीता, लच्छो, फूलबती, जमुना, राधा के नाम प्रमुख है। जबकि छह साल की बच्ची भारती पुत्री दिनेश, किशन मेम्बर, लच्छी, भीम, गिरधर, हरीगोसाइ, कमलेश, मुरारी, भागीरथ अभी भी इस बीमारी की चपेट में है।
ग्रामीणो का कहना है कि उन्होंने कई बार स्वास्थय विभाग को इस बारे सूचित किया चिकित्सक पहले भी आए केवल खानापूर्ति करके चले गए। सरकारी अस्पताल जाते है तो वहां कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने का इंतजाम नहीं है। चिकित्सकों की टीम गांव में आती है और खानापूर्ति करके चली जाती है जबकि सरकार को चाहिए कि पलवल के नागरिक अस्पताल में कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने का इंतजाम करें।
दूसरी तरफ डिप्टी सीएमओ डा. लोकवीर कहते है कि नागरिक अस्पताल में कैंसर जैसी बीमारी से निपटने के पुख्ता इंतजाम है, परन्तु कैंसर स्पेशलिस्ट चिकित्सकों का अभाव है जिसके लिए हमने स्वास्थ्य विभाग को लिखा है। बांसवा गांव में भी चिकित्सकों की टीम समय समय पर जाती रही है और सर्वे किया जा रहा है कि गांव में यह बीमारी आखिर फैली कैसे?