बाबरी मस्जिद मामला: शिया वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका

अयोध्या के विवादित राम जन्मभूमि/बाबरी मस्जिद मुकदमे में शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड ने खुद को भी पक्षकार बनाये जाने के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की है;

Update: 2017-08-08 18:28 GMT

लखनऊ। अयोध्या के विवादित राम जन्मभूमि/बाबरी मस्जिद मुकदमे में शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड ने खुद को भी पक्षकार बनाये जाने के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की है।

शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने  कहा कि बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाने वाले मीरबांकी से लेकर उसके अन्तिम मुतवल्ली तलब हुसैन तक शिया मुसलमान थे। इसलिए विवादित बाबरी मस्जिद पर शियाओं का हक है।

गौरतलब है कि मुकदमे में मुसलमानों की ओर से सेन्ट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड मुकदमा लड़ रहा है।  रिजवी ने कहा कि उनके वकील ने आज ही उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर कर एक कमेटी बनाने का आग्रह किया है।

आग्रह में कहा गया है कि कमेटी शिया वक्फ बोर्ड के साथ सभी को सुने। उन्होंने कहा कि हलफनामे में कहा गया है कि मन्दिर-मस्जिद एक साथ नहीं बन सकते, इसलिए जहां मुस्लिम आबादी अधिक हो वहां मस्जिद का निर्माण करवा दिया जाये।

उनका कहना था कि 1946 में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अभिलेखों में अपना नाम दर्ज करवा लिया था। उस समय देश के हालात ठीक नहीं थे और संख्या में सुन्नी मुसलमान शियाओं से अधिक थे, इसलिए शियाओं ने उस पर ध्यान नहीं दिया।
 

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