एथलीट मिल्खा सिंह का निधन एक युग का अंत, चारों ओर शोक की लहर

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि महान एथलीट मिल्खा सिंह का निधन एक युग का अंत है और उनके जाने से भारत और पंजाब एक लिहाज से गरीब हुए हैं;

Update: 2021-06-19 10:15 GMT

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि महान एथलीट मिल्खा सिंह का निधन एक युग का अंत है और उनके जाने से भारत और पंजाब एक लिहाज से गरीब हुए हैं। हरियाणा के उनके समकक्ष मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि देश ने एक सितारा खो दिया है।

अमरिंदर सिंह ने एक ट्वीट में कहा, मिल्खा सिंह जी के निधन के बारे में सुनकर दुखी हूं। यह एक युग के अंत का प्रतीक है। शोक संतप्त परिवार और लाखों प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदना। फ्लाइंग सिख की किंवदंती आने वाली पीढ़ियों के लिए गूंजेगी। आपकी आत्मा को शांति मिले- सर!

Upset and saddened to hear of Milkha Singh Ji’s demise. It marks the end of an era and India & Punjab are poorer today. My condolences to the bereaved family & millions of fans. The legend of the Flying Sikh will reverberate for generations to come. Rest in peace Sir! pic.twitter.com/7yK8EOHUnS

— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) June 18, 2021

खट्टर ने कहा, मिल्खा सिंह हमें छोड़कर चले गए हैं, लेकिन वह हमेशा हर भारतीय को देश के लिए चमकने के लिए प्रेरित करेंगे।

भारत ने एक सितारा खो दिया है। मिल्खा सिंह जी हमें छोड़ गए हैं, लेकिन वे हर भारतीय को देश के लिए चमकने के लिए सदैव प्रेरित करते रहेंगे।

'फ्लाइंग सिख' हमेशा भारतवासियों के दिलों में जीवित रहेंगे।
ईश्वर से पुण्यात्मा की शांति की प्रार्थना करता हूँ।

।।विनम्र श्रद्धांजलि।। pic.twitter.com/4Skhx28NC5

— Manohar Lal (@mlkhattar) June 18, 2021

91 वर्षीय मिल्खा सिंह का यहां स्थानीय अस्पताल में रात 11.30 बजे निधन हो गया। मिल्खा को चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था। मिल्खा परिवार ने एक बयान जारी कर इस महान धावक के निधन की पुष्टि की।

पूर्व एथलीट, जिसे 'फ्लाइंग सिख' नाम से भी माना जाता है, को एक सप्ताह तक मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में इलाज के बाद ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट के बाद 3 जून को पीजीआईएमईआर में भर्ती कराया गया था।

मिल्खा ने एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता में चार बार स्वर्ण पदक जीता है और 1958 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता था। हालांकिक, 91 वर्षीय को 1960 के रोम ओलंपिक के 400 मीटर फाइनल में उनकी एपिक रेस के लिए याद किया जाता है।

उन्होंने 1956 और 1964 के ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है और उन्हें 1959 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

बीते 13 जून को ही मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल कौर का कोरोना के कारण निधन हो गया था। सिंह के परिवार में तीन बेटियां डॉ मोना सिंह, अलीजा ग्रोवर, सोनिया सांवल्का और बेटा जीव मिल्खा सिंह हैं। गोल्फर जीव, जो 14 बार के अंतरराष्ट्रीय विजेता हैं, भी अपने पिता की तरह पद्म श्री पुरस्कार विजेता हैं।
 

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